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Jangli phool [parvrish]

फूल तो फूल हैं ,घर में खिला या फिर जंगल की धूल है।  एक माली के हाथों पला , एक कुदरत की लाड़ में बढ़ा।   गुण और महक में चाहे ,कैसा…

Tadap [part 91]

प्रतीक, प्रवीण के पास आया और उसने उसे समझाया- कि उसने जितना भी पैसा कमाया है ? वह सब मम्मी को लाकर दे देता तो यह समस्या ही उत्तप…

Tadap [part 90 ]

आज प्रवीण अपने को अकेला महसूस कर रहा था। ये माँ का किस तरह का सौतेला व्यवहार है। पहले तो लगता था ,माँ मेरी है ,मेरे लिए सोचती है…

Sazishen [part 15]

इंस्पेक्टर विकास खन्ना, जब थाने में जाता है ,तब उसे पता चलता है, कि नीलिमा सक्सेना  के घर में जो लड़की  कार्य करती थी ,वह लड़की ग…

Sazishen [part 14]

, प्रभा को, उसके घर पर देखने के लिए' इंस्पेक्टर विकास खन्ना' के माता-पिता आते हैं।  प्रभा उनका  मुस्कुराकर स्वागत करती ह…

Sazishen [part 13]

'' प्रभा शर्मा'' को देखने,'इंस्पेक्टर विकास खन्ना 'के माता -पिता उसके घर आते हैं ,जो देखने में समृद्ध पर…

Aaj ki maa

माँ  तो मां होती है ,आज की माँ हो या पुराने जमाने की मां ,पुराने समय में मां की एक सीमित जिंदगी होती थी। उसका दायरा सिर्फ अपने प…

Sazishen [part 12]

इंस्पेक्टर विकास खन्ना के माता-पिता, प्रभा के घर आते हैं। दोनों गाड़ी से उतरते हैं, प्रभा उनका मुस्कुराकर  स्वागत करती है।  वे …

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