चलो, आज मिलकर खुशियाँ मनाते हैं।
बहुत हुईं ,शिकवा -शिकायतें ,
बहुत सताया ,इस मन को ,
आज उन सबको मिलकर भूल जाते हैं।
चलो आज मिलकर खुशियाँ मनाते हैं।
बहुत हुई ,ज्ञान की बातें ,
आज जिंदगी में ,कुछ अल्हड़पन लाते हैं।
चलो, आज मिलकर खुशियाँ मनाते हैं।
जिंदगी कुछ मीठी थी ,
कुछ खट्टी ,कुछ तीखी ,
आओ जिंदगी को मिल ,
कुछ हल्का चटपटा बनाते हैं।
चलो ,आज मिलकर खुशियाँ मनाते हैं।
रोते रहे ,जिन बातों को याद कर ,
आज उन्हें भूल जाते हैं।
तन्हाइयों में लिपटी थी ,जो उदासियाँ ,
उन्हें आज कहीं ,छोड़ आते हैं।
आओ ,आज मिलकर खुशियाँ मनाते हैं।
खुला आसमां हो ,नई उमगें ,
नया जहाँ हो ,नई तरगें ,
आज ,दिन को सिर्फ़ ओ सिर्फ़ अपना बनाते हैं।
आओ ,आज मिलकर खुशियाँ मनाते हैं।
ReplyDelete😄😄👌👌👍🏼👍🏼well done keep it up
thnk you
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