yaadon ke panne

कुछ बातें हैं ,तुम्हारी !

कुछ आदतें हैं,तुम्हारी !

अच्छी लगती हैं। 


जब तुम मेरे लिए करते हो। 

सुकून ,एहसास दिलाती हैं। 

तुम मेरे हो ,सिर्फ !मेरे हो। 

यही सोच !भावविभोर हो, 

मन में सोच ,झूम उठती हूँ ,

 जब तुम्हारी बातें होती हैं। 

आज, यही बातें ,ये एहसास !

जुड़ जायेगा,मेरी' यादों के पन्नों' में। 

मेरी यादों की क़िताब सादी सी है। 

न कोई रहस्य ,न रोमांच !

एक खूबसूरत एहसास है। 

 मैं इसे बार -बार पढ़ना चाहती हूँ।

सच कहती हूँ ,आज भी तुम्हारा,

तुम्हारा वो, एहसास चाहती हूँ। 

वो स्पर्श !वो सुकून !

यादों के पन्नों में भरना चाहती हूँ।

तुम्हारी बातें ,वो यादें संग ले ,

 मैं, उनके लिए जीना चाहती हूँ।   


दिल की गहराइयों से बढ़कर, वो  रूह में उतर गए।

हमारी चाहत के वो पल, ''यादों के पन्नों'' में सिमट गए।  

 

laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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