इंस्पेक्टर सुधांशु से, सौम्या कहती है -मैं यह वर्ष पूरा करके अगले वर्ष किसी और कॉलिज में चली जाऊंगी उसके सामने ही नहीं आऊंगी।
किंतु तब तक न जाने, कितनी और हत्याएं हो चुकी होगी ?
यह आप क्या कह रहे हैं ? क्या यह हत्याएं मेरे कारण ही हो रही हैं ?और ये सब नितिन कर रहा है आश्चर्यचकित होते हुए सौम्या ने पूछा।
ठीक से तो नहीं कह सकते, अभी हमारे पास कोई सबूत भी नहीं है किंतु अब तक जो भी बातें हमारे सामने स्पष्ट हुई है, उनके आधार पर तो यही लगता है , इन सबमें नितिन का हाथ हो सकता है।
मैं कह रही थी ,न.... वो सुधरने वाली पार्टी नहीं है ,घबराते हुए सौम्या कुर्सी से उठ बैठी।
शांत हो जाओ !अभी तक तुम्हें तो कुछ नहीं कहा है। अच्छा ये बताओ !ऋचा के केस में तुम्हें क्या लगता है ?
मुझे कुछ भी मालूम नहीं है ,सर! अब मुझे जाने दीजिए ! मैं किसी के विषय में कुछ नहीं जानती और मेरी यह बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए कि मेरा रिश्ता अभी नहीं हुआ है। यदि ऐसा कुछ हुआ तो उसके जिम्मेदार आप होंगे।
हम यहां पूछताछ कर रहे हैं, तुम्हें घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। अच्छा, एक बात और बता सकती हो , यह नशे का धंधा कौन करवाता है ?
मैं कुछ भी नहीं जानती, न हीं, मैंने उसे देखा है, मैं इन लफड़ों में पड़ना ही नहीं चाहती ,अब मैं जाना चाहती हूँ ,घबराते हुए सौम्या बोली।
देखिए, आराम से बैठिए ! आपके इस कॉलेज में दो हत्याएं हो चुकी हैं , और इसी तरह से ही कुछ हत्याएं बाहर भी हुई हैं। यह जो कोई भी है, कोई ''सरफिरा आशिक'' हो सकता है या फिर ''दिमागी तौर पर बिमार , हमें इस बात का पता तो चलना चाहिए कि इन हत्याओं के पीछे उसका उद्देश्य क्या है ? क्या आप जानती हैं अब तक शोले लड़कियों की हत्याएं हो चुकी है।
आश्चर्य से सौम्या की आंखें फटी की फटी रह गईं और बोली -क्या यह सभी हत्याएं नितिन ने की हैं ।
वही तो हम पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं, तुम्हें क्या लगता है ?वह ऐसा कर सकता है।
मैं उसके विषय में इतना नहीं जानती , जब मुझे अपने लिए उसकी मंशा का पता चलता है कि वह मेरे प्रति क्या सोचता है? मैंने तभी उससे दूरी बना ली थी।
कहीं, ऐसा तो नहीं तुम्हारे मना करने के कारण, उसे अन्य लड़कियों से घृणा हो गई हो और वह अन्य लड़कियों से बदला ले रहा हो।
यह क्या बात हुई ? जिंदगी में ऐसी बातें होती रहती हैं, इसका अर्थ यह तो नहीं, कोई किसी की हत्या कर दे वैसे मुझे तो नहीं लगता नितिन ऐसा कर पाएगा। हां यह बात अवश्य है कि वह पहले से बहुत बदल गया है किंतु मुझे नहीं लगता कि वह किसी की हत्या कर पाएगा।
अब तुम जा सकती हो, कभी आवश्यकता पड़ी तो तुम्हें बुलाएंगे। वैसे एक बात पूछनी थी, नितिन के जो दोस्त हैं उनके विषय में तुम्हारा क्या विचार है ? एक नंबर के छठे हुए, बदमाश है, इसीलिए तो उनके माता-पिता भी उन्हें घर पर नहीं बुलाते।वर्षों से यहीं पड़े हैं , वे नितिन के साथ के नहीं है, नितिन के सीनियर हैं किंतु फेल होकर उसके साथ की हो गए हैं।उनकी सोहबत में रहकर ही नितिन ऐसा हुआ है,मैंने शरुआत में देखा था ,सही लड़का था।
ओह !तभी मैं सोचूँ ये लड़के बड़े क्यों लग रहे हैं ? ये कार्तिक भी इन्हीं के साथ का होगा ,ये नए लड़कों को उससे मिलवाते होंगे। विकास ! क्या तुमने पता लगाया ? उन दो महीना में नितिन अपने घर गया था या नहीं।
उसके घर वालों से पूछा था , वह तो इस बात से इनकार कर रहे थे किंतु साथ ही परेशान हो उठे ! पूछने लगे- क्या हुआ, हमारे बेटे ने क्या कुछ किया है ? मैंने उन्हें परेशान करना उचित नहीं समझा इसलिए उनसे कह दिया -शायद, आपको गलती से फोन लग गया है किसी और नितिन की जानकारी हमें चाहिए थी।
यह तुमने ठीक किया, अभी हम अपने तरीके से, छानबीन करते रहेंगे जब तक कोई ठोस सबूत नहीं हाथ लग जाता है तब तक किसी से कुछ भी कहना गलत है।
नितिन !बेटा क्या तू कुछ दिनों की छुट्टी लेकर आ सकता है ?
क्यों, क्या हुआ ?क्या कोई बात है ?नितिन मन ही मन डर गया ,उसने सोचा ,कहीं पुलिस वहां तो नहीं पहुंच गयी।
तेरी मौसी की बेटी का विवाह है, उसने हम सभी को बुलाया है ,तुझे भी आना होगा।
अपनी मम्मी की बात सुनकर उसने एक लम्बी गहरी स्वांस ली ,तब वह बोला किंतु यहां मैं तो यहां कॉलेज में हूं, मैं कैसे आ सकता हूँ ?
यह बात तो वह भी जानती है किंतु कह रही थी -कुछ दिनों की छुट्टी लेकर आ जाएगा, शादी- विवाह रोज-रोज थोड़े ही न होते है। उसने तुम्हारे आने पर बहुत ही जोर दिया है, तो आज ही छुट्टी का आवेदन डाल दे !तेरे तो कोई बहन नहीं है ,अपनी बहन होती ,तब भी तो तुझे छुट्टी लेनी पड़ती। वो भी तेरी बहन ही है।
अच्छा ,ठीक है , मैं आने का प्रयास करूंगा ,सर !से बात करता हूं।
उन्हें क्या आपत्ती होगी ? इतना होशियार बच्चा है, पढ़ाई में पिछड़ थोड़े ही जाएगा। खुश होते हुए पद्मिनी जी बोलीं।
सर !मुझे कुछ दिनों की छुट्टी चाहिए।
क्यों, कहां जाना है ?
घर ही जाना चाहता हूं, मेरी बहन का विवाह है।
ठीक है, तुम अपनी छुट्टी का आवेदन पत्र डाल दो !
इंस्पेक्टर साहब ! वह लड़का अपने घर जाना चाहता है, बहन के विवाह के लिए छुट्टी मांग रहा है , मैंने आपसे पूछना बेहतर समझा कल को आप यह न कह दें, कि आपने उसे छुट्टी क्यों दे दी ?
ठीक है, आप उसे छुट्टी दे दीजिए !
शेखर ! हमारे लिए यही ठीक समय होगा, तुम उसके पीछे चले जाना , शादी- विवाह का माहौल है, वहीं सम्मिलित हो जाना। पता तो चले, वह लड़का कहां जाता है क्या करता है ? कहीं बहन के विवाह का बहाना करके भाग तो नहीं जायेगा। क्या सच में ही, इसकी बहन की शादी है यह तो पता लगाना ही होगा ?