किस डाक से भेजूं ? तुझे संदेश !
किस जिले में है ? तेरा पता !
न जाने जा बैठीं ,तुम देश पराये।
किससे पूछूं ? या ढूंढू तेरा पता।
तुम ही तुम मेरी ज़िंदगी में थीं,
बिन तुम्हारे,अब कुछ नहीं पता।
चार काँधों पर, तुम्हें विदा किया।
संदेश कैसे भेजूं तुम्हें ?नहीं, पता।
याद में तेरी,जलता रहा ,मेरा जिया !
पूछता हूँ, साथ तुमने क्यूँ नहीं दिया ?
मुझ अकेले को ,याद में तुम्हारी ,
तड़पने को, क्यों छोड़ा दिया ?
मेरे अतीत का पन्ना बन रुलाती हो।
हंसी पलों की याद दिला रुलाती हो।
याद में तुम्हारी रोता, तुम्हारा पिया !
स्वयं साथ निभा न सकीं,
मतलबी रिश्तों के मध्य छोड़ दिया।
जीवनभर का वादा था,तुमने किया।
भटकता हूँ ,तेरी याद में , ढूंढता हूँ।
तुम्हें ,ख़्वाबों में घर के हर अन्दाज़ में।
मैं तो बेचैन था ,विकल था ,रोता था।
तूमने तो अपना नंबर भी नहीं दिया।
इस दिल ने,तुम बिन........
धड़कनों की ताल को भुला दिया।
भेजूं संदेश ! क्या तुम समझोगी ?
तुम बिन ,जलता है , मेरा जिया !
ओ प्रिया ! तूने पता भी नहीं दिया।
तनिक सपनों में ही , आ जाओ !
प्यार से तनिक मुझको समझाओ !
मिलन हमारा, सात जन्मों का था।
एक जन्म भी तुमने पूरा नहीं किया।