Shaitani mann [part 88]

अपनी बात की पुष्टि के लिए, इंस्पेक्टर सुधांशु दोबारा, रोहित को पूछताछ के लिए बुलाते हैं। तब वो उससे प्रश्न करते हैं कि नितिन उनके साथ कब से है और वो लोग, नितिन को कितना जानते हैं ? तब रोहित उन्हें बताता है -कि वह शुरुआत में हमसे दूर रहता था, उसे हम लोग अच्छे नहीं लगते थे, और जब उसे'' कार्तिक भैया'' मिले, कार्तिक भैया से मुलाकात के पश्चात वह धीरे-धीरे बदलने लगा और हम जैसा ही हो गया। बातों ही बातों में रोहित को ध्यान ही नहीं रहा कि उसने ''कार्तिक'' का नाम लिया है। इंस्पेक्टर ने अपने पास रखी हुई सूची देखी और बोले -यह' कार्तिक' कौन है, इसका नाम तो अभी तक हमारी लिस्ट में है ही नहीं।

तब रोहित को अपनी गलती का एहसास हुआ कि उसने व्यर्थ में ही, कार्तिक भैया का नाम ले लिया है। अब उनके विषय में वह क्या बताएं ? तब वह कहता है -''कार्तिक चौहान'' नाम है उनका, हम उन्हें ''कार्तिक भैया'' ही कहते हैं। वह कॉलेज के पुराने छात्र हैं। कभी-कभी नये छात्रों से मिलने और अपने कॉलेज में  घूमने आ जाते हैं। 



तब तुम्हारे उस कार्तिक भइया ने ऐसा क्या किया ? जो नितिन में धीरे-धीरे बदलाव आने लगे। इंस्पेक्टर सुधांशु के इस प्रश्न पर रोहित, थोड़ी देर के लिए चुप हो गया अब वह इंस्पेक्टर से कैसे कहें ? कि कार्तिक भैया यहां पर नए छात्रों से नशे का धंधा करवाते हैं और नशीले पदार्थ भी कॉलेज में, वही लाते हैं और उन्होंने ही नितिन को, यह सब सिखलाया था, उनके कारण ही नितिन, अब ऐसा हो गया है और हम भी नशा करने लगे हैं ।  

चुप क्यों हो, जवाब क्यों नहीं देते? क्या सोच रहे हो ?क्या वो नशे का धंधा करता है ?

अचानक इंस्पेक्टर के इस प्रश्न से रोहित बौखला गया कार्तिक से तुम लोगों का क्या संबंध है ? नये  छात्रों से मिलने आता है या फिर पुराने छात्रों से उसके साथ के सभी छात्र तो कॉलेज से बाहर गए होंगे तब वह यहां कॉलेज में किस लिए आता है ?

 आपको अभी बताया तो था, कि कभी-कभी हम लोगों से मिलने आ जाते हैं। 

क्यों? वह क्या तुम्हारे साथ का है, वैसे वह क्या कार्य करता है ?

हमने कभी पूछा नहीं, और उन्होंने कभी बतलाया भी नहीं।

 यहां तुम लोगों की पढ़ाई में मदद करने आता है, या फिर किसी और काम से जैसा कि विकास सर ने कहा  कहीं वह नशा इत्यादि का कोई कार्य तो नहीं करता। इंस्पेक्टर सुधांशु के पूछने पर रोहित,'' बगलें  झांकने लगा। उसे अब लग रहा था कि उसने'' कार्तिक चौहान'' का नाम लेकर, बहुत बड़ी गलती कर दी है। तब वह बोला - सर !अब मैं चलता हूं, मैं जितना जानता था वह  सब मैंने आपको बता दिया कहते हुए कुर्सी से उठता है।  

तुमने यह तो बताया ही नहीं, कि सौम्या के इनकार करने पर नितिन कुछ दिनों या महीनों के लिए कहां गया था ?

इंस्पेक्टर सुधांशु के इस प्रश्न पर, रोहित बोेखला गया और कुर्सी पर बैठते हुए बोला -सर! मैं इस विषय में कुछ नहीं जानता। 

क्यों, क्या वह, कुछ महीनो के लिए कॉलेज से गायब नहीं हो गया था। 

हां, मैं मानता हूं कि वह कॉलेज से, चला गया था लेकिन उसने अपना नाम नहीं कटवाया था वह तब भी पढ़ रहा था हो सकता है, वह अपने घर चला गया हो , उसने इस विषय में हमें कुछ नहीं बताया।

कमाल है ! तुम लोगों का मित्र है और तुम ही नहीं जानते कि वह कहां गया था ? 3 साल से उसके साथ हो और उसने तुम पर इतना भी भरोसा नहीं किया कि वह तुम्हें यह बताएं कि वह कहां गया है ? अच्छा यह बताओ !सौम्या के इनकार करने पर वह दुखी नहीं हुआ था। 

इस प्रश्न के को सुनकर, रोहित ने राहत की सांस ली और बोला-सर ! कौन दुखी नहीं होगा ? वह भी हुआ था किंतु उसने दर्शाया नहीं था और हमें ज्यादा पता भी नहीं चला क्योंकि वह तुरंत ही, चला गया था किंतु जब आया तो उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। ऐसा लग रहा था लंबे समय तक, उसने अपने आप को संभाला है, इसका परिणाम उसके चेहरे पर दिख रहा था। 

तुमने यह कभी जानने का प्रयास ही नहीं किया कि वह कहां था? और क्यों गया था ? 

एक बार पूछा भी था-लेकिन उसने, कोई ठीक से जवाब नहीं दिया। अब उसके साथ जबरदस्ती तो नहीं कर सकते थे।

 तुम लोग तो, उसके बड़े अच्छे मित्र हो इंस्पेक्टर ने रोहित पर व्यंग्य किया , तुम्हारा मित्र अचानक ही न जाने कहां  चला जाता है और तुम उससे प्रश्न भी नहीं पूछते कि वह अब तक इतने दिनों तक कहां था ?क्या कर रहा था ? रोहित चुप बैठा रहा ,तब इंस्पेक्टर बोले -तुम सौम्या को जानते हो ?

 जी, अच्छी तरह से,

 तुम्हें क्या लगता है, सौम्या ने उसके प्यार को क्यों इंकार किया होगा ?

कुछ कह नहीं सकता, हो सकता है, उसके  घर वालों ने जबरदस्ती उसका विवाह किसी और के साथ कर दिया उसके पास इनकार के सिवा कुछ बचा ही नहीं था।

 किंतु हमें तो पता चला है, कि वह कुछ दिनों के लिए अपने घर गई थी और अभी उसका विवाह हुआ नहीं  है, सगाई हुई है। क्या नितिन ने उससे एक बार भी, यह जानने का प्रयास नहीं किया कि उसने उसके साथ ऐसा क्यों किया ? वह तो उसकी अच्छी दोस्त थी। 

इस बात का तो हमें भी ताज्जुब है, उसने उसके विषय में जिक्र करना ही छोड़ दिया। 

ठीक है, तुम जा सकते हो। रोहित के जाते ही, विकास बोला - इन लोगों की जिंदगी में क्या चल रहा है ? यहां पढ़ने आते हैं और न जाने कितने रहस्य लिए बैठे हैं ? पता नहीं, क्या-क्या करते रहते हैं अब यह नया शख्स'' कार्तिक चौहान'' इसका पता लगाओ ! यह क्या हस्ती  है ? नये  छात्रों से क्यों मिलता है? समाज सेवा कर रहा है। 

समाज सेवा तो क्या ही करेगा ? इंस्पेक्टर साहब बोले -मैंने तो सुना है यहां पर कुछ लड़के, नशे की चीजों को खरीदते और बेचते हैं, कहीं ऐसा तो नहीं, वही इन सब चीजों का माध्यम हो। कॉलेज के रिकॉर्ड में तो उसके विषय में सब लिखा होगा। पता कर लेते हैं, तभी दरवाजे पर, उन्हें एक लड़की दिखलाई दी।

क्या मैं अंदर आ सकती हूं ?

हां हां आइये ! आप कौन ?

आप लोगों ने ही तो बुलवाया, और आप ही मुझे नहीं जानते। 

अच्छा, सवाल है, तो तुम सौम्या हो ,कहते हुए उसे कुर्सी पर बैठने का इशारा करते हैं। 

जी.... कहते हुए वो सामने रखी कुर्सी पर बैठ जाती है।

अब हम सीधे मुद्दे पर आते हैं , आप हमें यह बताइए, कि नितिन कैसा लड़का है ?

जी, मैं उसके विषय में कोई बात नहीं करना चाहती। 

क्यों, उसने ऐसा क्या किया है ? जो तुम उससे इतनी नफरत करती हो, इंस्पेक्टर सुधांशु ने उसकी तरफ देखते हुए पूछा। 

 



laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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