Paoranik khoj

पुराणों में छिपे रहस्य बहुत ,आज भी खोज जारी है। 

अभी कुछ रहस्यों को समझ पाए अभी छुपे बाक़ी हैं। 

मन में उठते सवाल कई ,आज भी उनकी ख़ोज रही। 

क्यों? नहीं पहुंच पाते कैलाश पर शिव का वास जहाँ। 

क्यों ?अपने भक्तों को बुलाते नहीं ,'शिव 'रहते वहां। 


हिमाचल की तलहटी में  ,न जाने कैसे  राज़ छुपे हैं ?

''ध्वज'' 'पुरी' का, विपरीत  दिशा में ही उड़ता क्यों है ?

द्वारिका सागर में कैसे स्थित थी ,श्राप से वहडूबी क्यों है ?

क्या स्वर्ग -नर्क होता है ?धरा पर स्वर्ग का द्वार किधर है ?

भूतों ने मंदिर कैसे बनवाया,इस मंदिर का रहस्य क्या है ?

जब मानव ने जन्म लिया, उसकी मृत्यु का रहस्य क्या है ?

कौन सर्वप्रथम धरा पर आया ,कृष्ण ने कैसे पर्वत उठाया ?

जगन्नाथपुरी का रहस्य क्या ?द्वार के पीछे का राज़ क्या है ?

पुराणों के ये रहस्य बने पहेली'' पद्भनाभस्वामी'' के द्वार के भीतर क्या है ? 


 

laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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