पापा..... क्या भूल गए ,अपनी बेटी को ?
अभी तो बहुत कुछ कहना -सुनना था।
कुछ बातें ,कुछ शिकायतें करनी थी।
कुछ उलहाने ,कुछ ताने अभी सुनाने थे।
लड़ते -लड़ते आपकी वो..... मुस्कुराहट !
मुस्कान को अपनी ,क्या खो दिया पापा !
आपकी तो मैं लाड़ली हूँ,व्यथा से व्याकुल ,
अभी, आपको भी, मुझसे और लड़ना था।
नोक -झोंक चलती, अभी बाप -बेटी की।
अभी तो कुछ कहानी -किस्से सुनाने थे।
भूल सभी बातों को ,आगे बढ़ना था पापा !
चिढ़ाते -लड़ते क्यों मौन हो गए ? पापा !
रूठी अपनी बेटी को , मनाना था पापा !
क्या, अपनी ही बेटी से रूठ गए ?पापा !
चलिये ! उठकर खड़े हो जाइये !
देखिये !आपके लिए स्वादिष्ट व्यंजन बनाये।
कुछ तो कहिये ,क्यों मौन गए ?पापा !
क्षितिज में देखते,क्या?अपनों को भूल गए पापा !
अब अभिनय छोड़ भी दो !आप जीत गए ,पापा !