तू !''हौसलों की उड़ान'' भरता जा !
अपने आपसे तू लड़, आगे बढ़ता जा !
खुली आँखों से देख, तू स्वप्न !
मंजिल की तलाश में आगे बढ़ता जा !
न घबराना तू कभी, कठिनाइयों से,
हर मुश्किल का सामना ,तू करता जा !
साहस का साथ न छोड़ना,
मंजिल की 'पैड़ी' पर कदम रखता जा !
तू !'' हौसलों की उड़ान ''भरता जा !
मुश्किलों की' खरपतवार' काट,
राह के कंटक छाँट, पुष्पों को चुनता जा !
जिन्होने मंजिल पाने की, ली है ,ठान !
उनके लिए उड़ान का विस्तृत आसमान !
भले ही तेरे पंख नहीं,हौसलों की उड़ान भरता जा !
लक्ष्य साध ! नजर तेरी मीन पर होगी,
भले ही तूफां आएं ,उम्मीदों के दिए जला बढ़ता जा !
तू चाहत लिए मन में ,उड़ान भरता जा !
