कुछ सीनियर लड़के और लड़कियां, कॉलेज में नए छात्रों की रैंगिग के लिए आते हैं वे सभी यह जानते थे -कि हमारे कॉलिज में कोई नई लड़की आई है, जिसने कॉलेज के छात्र को, सभी छात्रों के सामने, चांटा मारा था। जो लड़कियां उस समूह के साथ आई थीं। वह स्वयं भी दादागिरी में रहती थीं अपनी मर्जी से, कॉलेज में घूमना , रैगिंग करना, इत्यादि कार्य करती थीं। उन लड़के लड़कियों का समूह, बहुत पुराना था, उनके सामने कोई बोल भी नहीं सकता था। उसी में से एक लड़की ने जब सौम्या से पूछा- कि उसने कॉलेज के लड़के के साथ ऐसा क्यों किया ?
तब सौम्या जवाब देती है, उसे सबक सिखाना जरूरी था, लड़कियों को छेड़ने के कारण, वह उन्हें छेड़ने का मौका देती हैं, विरोध नहीं करती डरती हैं इसलिए यह लड़के उन्हें और छेड़ते हैं। यदि एक बार भी ''मुंह तोड़ जवाब दे देतीं '' तो ऐसा कुछ होता ही नहीं।
अब तू यहां कॉलेज के बच्चों को बताएगी, कि लड़कियों को कैसे रहना है ?इतने दिनों से यहाँ लड़कियां आती हैं, किसी ने कोई शिकायत नहीं की ,तुझे खुजली क्यों हो रही थी ?
मुझे तो बताने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती, यदि आप पहले ही, उन सभी लड़कियों का सहयोग करतीं क्योंकि आप स्वयं भी एक लड़की हैं, यहां नेता बनकर घूम रही हैं, कभी उनका सहारा नहीं बनी।
तेरी इतनी हिम्मत ! अपनी सीनियर से सवाल- जवाब कर रही है कहते हुए, वह सौम्या की तरफ झपटी किंतु सौम्या पहले से ही सतर्क थी और उसने अपने आप को बचा लिया। दूसरी तरफ लड़के, लड़कों की रैगिंग कर रहे थे और उन्हें मुर्गा बनने को कहा था , मुर्गा बनो और कुकड़ू कु बोलो ! किंतु जैसे ही, सौम्या और उस लड़की को देखा वह भी उधर देखने लगे।
सौम्या उस लड़की से बोली -आप मेरी सीनियर हैं, मैं आपका सम्मान करती हूं। आप रैंगिंग में जो कुछ भी करने को कहेंगीं, वह मैं कर दूंगी किंतु इस तरह, मुझ पर हाथ उठाने का प्रयास भी मत करना वरना सही नहीं होगा।
साली ! तू कल की आई ,मुझे धमकी दे रही है , कहते हुए वह सौम्या की तरफ बढ़ी किंतु सौम्या पहले ही पीछे हट गई। इससे पहले की सौम्या फिर से संभल पाती, उसने सौम्या के बाल पकड़ लिए और उसके मुंह पर तमाचा मारा।
अब सौम्या को क्रोध आ गया और बोली -यह कॉलेज तुम्हारे बाप का नहीं है , सभी छात्रों का है और सभी यहां पर फीस भरते हैं। मैंने पहले ही कहा था, कि रैगिंग के बहाने से मुझे उलझना मत , कहते हुए वह उछ ली और एक जोरदार लात , उसके जड़ दी। तब तो पूरा कॉलेज धीरे-धीरे वहीं पर इकट्ठा होने लगा ।
वो लड़की भी किसी से कम नहीं थी। 5 फुट 6 इंच के लगभग उसकी ऊंचाई थी, तन से अच्छी तंदुरुस्त थी।ऊँचे जूते पहनती थी। लड़कों के साथ रह- रहकर लड़कों की तरह ही व्यवहार भी करती थी। अब तो बात आन पर जो आ गई थी क्योंकि कॉलेज के इतने सारे छात्रों के सामने, एक नई लड़की ने उस पर प्रहार किया। दोनों में हाथापाई होने लगी, सौम्या हल्की और दुबली थी, कभी वह सौम्या पर भारी पड़ती और कभी सौम्या उस पर। धीरे -धीरे वहां कॉलेज के सभी छात्र इकट्ठा होने लगे। यह बात नितिन के कानों में भी पड़ी, नई लड़की सौम्या अपनी सीनियर से लड़ रही है। कुछ छात्र उसकी प्रशंसा कर रहे थे,अब इसे अच्छा मजा चखाएगी ,इसकी दादागिरी बहुत हो गयी।
तो दूसरा कह रहा था -इसने, इससे पंगा लेकर बहुत बुरा किया यह इसे छोड़ेगी नहीं।
अरे !छोड़ेगी तो तब ,जब आज इसके हाथों से बचेगी।
यदि आज ये नई लड़की जीत जाएगी तो अब इसकी दादागिरी गयी समझो !बड़ी हेकड़ी दिखाती है।
जिसके इस लड़की ने थप्पड़ मारा था इसी का भाई तो था।
ओह !यह बात है ,उसका बदला लेने आई होगी। पहले इसका भाई पिटा और अब ये पिट रही है कहते हुए हंसने लगा।
सौम्या शरीर में दुबली -पतली किन्तु मजबूत और फुर्तीली थी ,साथ ही उसने जुडो -कराटे भी सीखा हुआ था। कुछ उस लड़की के पक्ष में थे, तो कुछ सौम्या के पक्ष में।
नितिन दौड़ता हुआ आया और उन्हें इस तरह लड़ते देखकर वह सीधे किसी प्रोफेसर को खोजने लगा ,वह एक कक्ष की ओर बढ़ गया -सर ! बाहर बहुत बड़ा झगड़ा हो रहा है ,कहीं कुछ अनिष्ट न हो जाये।
कहाँ हो रहा है ?बाहर है ,उन सीनियर और जूनियर छात्रों में।
चलो !मैं तुम्हारे संग चलकर देखता हूँ ,कहते हुए देवदत्त सर ,अपने कक्ष से बाहर आये ,इस तरह नए छात्रों को,अपने सीनियर से लड़ना नहीं चाहिए यह बहुत गलत बात है।
सर !हो सकता है ,उन्होंने ही कोई गलती की हो ,ये तो वहीँ जाकर मालूम होगा कि गलती किसकी है ?नए छात्र उनका आदर करते हैं किन्तु कभी -कभी पुराने छात्र भी ,ज़्यादती कर जाते हैं।
नितिन की बात को उसके सर ने समझा और गंभीर मुद्रा में बोले -ह्म्म्मम्म
तभी कुछ बच्चों ने देवदत्त सर को उधर ही आते हुए देखा ,तो चिल्लाने लगे -सर !आ रहे हैं। तब तक सौम्या उसे चारों खाने चित्त कर चुकी थी किन्तु वो भी हार मानने के लिए तैयार नहीं थी। तभी उसका दोस्त चिल्लाया -पाखी, चलो !सर आ रहे हैं ,इससे बाद में निपट लेंगे।
नहीं , नमन मैं आज इसे छोडूंगी नहीं ,इसने पाखी पर हाथ उठाया है ,कहते हुए वह आगे बढ़ रही थी तभी नमन ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लगभग खींचते हुए ,भीड़ में आगे बढ़ गया। तब तक सौम्या भी भीड़ में शामिल हो गयी थी।कुछ लड़के कह रहे थे -आज तूने इसे अच्छा मजा चखाया ,अब हर किसी से पंगा लेने से पहले चार बार सोचेगी।
इसने पंगा तो ले लिया है ,किन्तु वो अपना अपमान नहीं भूलेगी ,वो अवश्य ही इससे बदला लेगी।
जब लेगी ,तब का तब देखा जायेगा ,अब तो यही जीती है ,कहते हुए वो ताली बजाने लगा।
बच्चों की भीड़ देखकर ,सर ने कहा -यहाँ क्या हो रहा है ?
कुछ नहीं सर !एक लड़के ने जबाब दिया।
जब कुछ नहीं हो रहा है ,तो यहाँ भीड़ क्यों लगा रखी है ?चलिए ! अपनी क्लास अटेंड करिये।