कब तक, अपने होठों को सिले रहोगे ?
घुटते रिश्ते , दम तोड़ते नजर आते है,
सही वक्त पर,सही बोलना जरूरी है।
झूठ' सच पर हावी हो,बोलना जरूरी है।
प्यार करते रहे, उसको न मालूम हो ,
एहसास ए मोहब्बत कराना जरूरी है।
सत्य की राह पर आएँगी, बाधाएं बहुत ,
सहते रहोगे, कब तक?आवाज बुलंद करो !
' युग में परिवर्तन' वास्ते बोलना जरूरी है।
मौन प्रदर्शन,कब तक ? बोलना जरूरी है।
आत्मा अभी मरी नहीं, अभी हम जिन्दा हैं ,
एहसास, जिंदगी को दिलाना , जरूरी है।
बुजुर्गों की सीख यही ,तौलकर बोलना जरूरी है।