हर कहानी प्रश्नवाचक है ,यहां......

 हर शख़्स की, एक कहानी है। 

आरंभ से पूर्णता की ओर बढ़ती। 

 किंतु कुछ अपूर्ण  रह जाती हैं । 

न जाने, कितने प्रश्न छोड़ जाती हैं  ?



छलक आते अश्रु सुख या वेदना के हैं ? 

कभी-कभी हर्षित होकर भी आते हैं। 

नारी जीवन का क्या, महत्व है ?

यह मन में प्रश्न छोड़ जाते हैं। 

नारी जीवन अनमोल क्यों ?

आता मन में प्रश्न बार-बार है। 

 हम  लिखते क्यों हैं ?

 लेखन में वेदना छिपी या मनुहार है। 

 प्रेम को देख क्यों हृदय भर आया ?

लेखन में छिपा दर्द क्यों उभर आया ?

लेखन से,ह्दय संतप्त या सुकून क्यों है ?

समय संग आगे बढ़ना क्यों है ? 

जिंदगी की राह पर पीछे देखना क्यों है ?

इस जीवन की मंजिल क्या है ? 

जाना किस दिशा में, हर कदम पर एक प्रश्न क्यों है ?

मंजिल सब की अलग, राहें भी न्यारी हैं । 

हर एक जीवन में सुख-दुख की कहानी क्यों है ?

छोड़ जाती जिंदगी पीछे अपने ,प्रश्न कई ,

हर कहानी में एक प्रश्नवाचक क्यों  है ? 


मायाजाल -

कलयुग का यही माया जाल है। 

बहलाता है ,फुसलाता है। 

कभी -कभी सब्ज़बाग दिखलाता है। 

दुनिया के आडम्बर दिखला लुभाता है।

खेंच लेता रूह को ,मायावी संसार में। 

प्रेमी रूह को कुछ नहीं सुहाता ,

इस दुनिया के रंगीन बाज़ार में। 

खेल -खिलोने बहुत ,सभी नश्वर नजर आते हैं। 

देख इन्हें, झूठ के प्रपंच समझ आते हैं।

काल ने कभी हार न मानी,

करता रहा, अपनी मनमानी। 

शतरंज सी चाल अपनी चलता रहा। 

मैं भी ,मातों पर मात उसे देता रहा। 

कभी वो जिता देता मुझको, कभी मैं जीत जाता। 

चलता रहा ,खेल यूँ ही उम्रभर ,

तोड़, माया की चालों को मैं आगे बढ़ता रहा।

छुड़ाया हाथ उसकी चालों से ,

मैं स्वच्छंद ,प्रकाशवान गगन में विचरता रहा।     

laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

Post a Comment (0)
Previous Post Next Post