माँ ! एक स्वेटर बुन दो ,न......
जिसमें ,रिश्तों की गर्माहट हो।
भावों की हो, कोमलता !
स्नेह, चटख़ रंगों सा ,
ऊनी धागों की गरमाहट भर दो ,न....
माँ ! एक स्वेटर बुन दो, न......
बुन दो !उल्टे -सीधे कर्मों की सलाइयों सा ,
बुन दो ! जीवन के रंगीन सपनों सा,
ऊनी धागों से बना, चमकीला !
अरमानों की करो ,बुनाई !
रेशों के पंख लगा दो ,न......
माँ ! एक स्वेटर बुन दो ! न......
उलझ -उलझकर सुलझाती हो,
ले ,आशाओं ,उम्मीदों की सलाई,
नरम , प्रेम के धागों से,सहेजूं ,इसे ,
इनमें रिश्तों की गर्माहट भर दो ! न......
माँ ! एक स्वेटर बुन दो ! न......
जो कभी फ़ीके न पड़ें ,
आकर्षक रंग,अभिकल्प ,
ममता औ भावों से बुना ,
रिश्तों सी कमजोर डोरी ,
मजबूत इसे कर दो !न.......
माँ !एक स्वेटर बुन दो !न.....
