Shaitani mann [part 28]

कपिल, स्वरा के विषय में जानना चाहता था, उसके विषय में जानने के लिए वह अनेक तिगड़म  लगा रहा था, कैंटीन की तरफ, स्वरा को आते देखकर, वह अपने दोस्तों से अलग हो गया। स्वरा जब उसके पास आई, तब उसने फिर से वही प्रश्न उसके सामने दोहराया, किंतु जब स्वरा ने उसे अपनी इच्छा बताई, उसकी इच्छा जानकर वह आश्चर्य चकित रह गया। बड़ी ही अजीब सी इच्छा थी, उसकी, तब वह जानना चाहता है कि वह ऐसा क्यों चाहती है ?

 मेरे चाचा पुलिस में हैं , और जब वे  इंस्पेक्टर की यूनिफॉर्म में तैयार होकर बाहर जाते हैं, तो मुझे बहुत अच्छा लगता है, बचपन से उन्हें देख रही हूँ ,तब उन्हें देखकर भी मैंने  सोच लिया था मैं भी किसी पुलिस वाले से ही विवाह करूंगी। मन ही मन कपिल सोच रहा था-चलो ! इसके कारण मुझे, यह तो पता चल गया कि मुझे अब क्या करना है ?



मेरी बातें सुनकर कुछ लोग हंसते भी हैं,और तुम्हारी तरह चौंक भी जाते हैं। किन्तु मुझे किसी की परवाह नहीं है मुझे तो एक इंस्पेक्टर से ही शादी करनी है , बड़े विश्वास के साथ, स्वरा  बोली। 

अच्छा यह बताओ ! तुम्हें मैं पसंद हूं ?

यहां तो तुम सभी लड़कियों को पसंद हो, कहते हुए स्वरा हंसी।

 मैं अन्य लड़कियों की बात नहीं कर रहा हूं, मैं तुम्हारी और अपनी बात कर रहा हूं। 

मैंने तो तुम्हें पहले ही बता दिया।

 तभी तो पूछ रहा हूं , कॉलेज के बाद, अब मुझे पुलिस इंस्पेक्टर की तैयारी के लिए इम्तिहान भी तो देना होगा न.... कहते हुए कपिल ने स्वरा  की आंखों में झांका। 

जब बन जाओगे ! तब की तब सोचेंगे। 

सोचेंगे नहीं, आज ही निर्णय लेना होगा। 

स्वरा ! स्वरा !आओ, चलते हैं।

आती हूं, कहकर वह कुर्सी से उठ खड़ी हुई, उसने एक नजर कपिल की तरफ देखा और मुस्कुरा कर चली गई। 

स्वरा के जाते ही सौरभ तुरंत कपिल के करीब आया और पूछा - क्या कह रही थी  ? क्या कुछ प्यार- व्यार की बातें हुई। 

क्या, बेफिजूल की बातें कर रहा है ?उसकी तो,बड़ी ही अजीब सी इच्छा है। 

क्या इच्छा है ? अभी तो बात कुछ आगे भी, नहीं बढ़ पाई और उसने अपनी  डिमांड आगे रख दी। वैसे क्या कह रही थी?उत्सुकता से अनमोल ने पूछा। हो सकता है ,हम उसकी वह इच्छा पूर्ण कर सकें। 

उसकी इच्छा है, कि वह किसी पुलिस वाले से ही विवाह करेंगी। 

क्या??? आश्चर्य  से सौरभ ने उसकी तरफ देखा।

 मैं भी, उसे इसी तरह देख रहा था। 

यार!!! कैसी लड़की है ? तुझसे  प्यार की बातें भी नहीं की, और सीधे विवाह की बात दी ,साथ ही ,अपनी इच्छा सामने रख दी। 

यह बात तो स्पष्ट है, वह प्यार भी उसी से करेगी जिससे वह शादी करेगी और शादी वह उसी से करेगी जो इंस्पेक्टर होगा पुलिस वाला होगा। समझे ! कहकर, कपिल वहां से उठकर चल दिया उसके पीछे उसके अन्य दोस्त भी थे। सौरभ ने अपने अन्य दोस्तों को भी बताया।

 तभी अनमोल बोला -तो बन जा ना पुलिस वाला ! आगे चलकर तुझे कुछ न कुछ तो करना ही होगा, अब तक तो यही सोच रहा था कि मुझे क्या करना है? अब यदि तुझे स्वरा चाहिए ? तो तुझे पुलिस वाला बनना ही होगा।

क्या, तू मजाक कर रहा है ? उसका इम्तिहान देना होगा, उसका साक्षात्कार होगा, मैं इन सब में आगे नहीं निकल पाया तो क्या होगा ?

अरे जबकि जब देखेंगे ,पहले से ही निराश होकर बैठ गया, कोई इतनी बड़ी चीज भी नहीं मांग ली है , यह बात तो स्पष्ट हो ही गई है कि वह पुलिस वाले से विवाह करेंगी और तू पुलिस वाला बन जाएगा। पुलिस वाला बनते ही तेरा विवाह उससे हो जाएगा।  बात खत्म !

वो तो पुलिसवाला ही चाहती है , वरना  लोगों ने तो, अपने प्यार के लिए क्या -क्या नहीं किया ?भावुक होते हुए नवीन बोला। 

क्या -क्या नहीं किया ?तू जानता है, किसने क्या किया ?

वो तो ऐसे ही जोश में कहते हैं न..... प्यार के लिए ,मजनू ने पत्थर खाये ,हीर ने दरिया पार किया और श्री राम ने अपनी पत्नी के लिए सागर पर बांध बना दिया। 

ये सब पुराने जमाने की बातें हैं ,उस समय लोगों के पास समय भी होता था और उतनी शक्ति भी होती थी ,आज के समय में उम्र छोटी ,आधी ज़िंदगी तो पढ़ने और कैरियर बनाने में ही चली जाती है। उस समय की लड़कियां अपने प्रेमी की प्रतीक्षा भी करती थीं और आज यदि इसके सामने कोई मुझसे पहले इंस्पेक्टर बनकर आ गया ये उससे ही विवाह कर लेगी ,परेशान होते हुए कपिल बोला। 

''हिम्मत-ए- मर्दां ,मदद-ए - खुदा ''तू इसका मतलब जानता है, हिम्मत से काम ले ,हिम्मती और मेहनती आदमी का तो ऊपरवाला भी साथ देता है ,तू अभी से ही हिम्मत हार गया। कलयुग में भी, हिम्मत से पहाड़  काटकर रास्ता बना डाला।  

मुझे यह भी तो नहीं पता, कि वह मुझे पसंद भी करती है या नहीं , मान लो ! मैंने इतनी मेहनत की और उसने किसी और से विवाह कर लिया तो...... 

तो क्या ?तेरी ज़िंदगी तो सुधर जाएगी ,जब तू किसी क़ाबिल हो जायेगा ,तब तुझे देख पछताएगी ,कहते हुए अनमोल हंसने लगा। 

तुम तीनों  को मस्ती सूझ रही है,रुष्ट होते हुए कपिल बोला। 

 नहीं ,एक तो हम, तेरे लिए सोच रहे हैं ,तू हमें ही उल्टा -सीधा कह रहा है। नवीन गंभीर होते हुए बोला -हां, यह विषय सोचने का है सबसे पहले तो उसके हृदय में अपने प्रेम के बीज अंकुरित कर......  क्या वह तुझे पसंद करती है ?यह जानने के लिए बहुत समय बाक़ी है। साथ ही साथ परीक्षा की तैयारी भी करता रह ,जब वो तुझे पसंद करेगी ,तुझसे प्यार करेगी तो इंतजार भी करेगी। 

 यह बात भी सही है, सोचते हुए अनमोल बोला -आज ही जाकर, प्रतियोगिता परीक्षा की पुस्तक ले आना, और जब तक इस कॉलेज में है तब तक उसके मन की बात जानने का प्रयास करना। घर में तैयारी करता रह,'' एक पंथ दो काज '' हो जाएंगे और जब इम्तिहान होगा तो इम्तिहान भी दे देना, किंतु यह मत बताना कि तू उसके लिए परीक्षा की तैयारी कर रहा है।

क्यों नहीं बताना है ? उसे भी तो पता चलना चाहिए कि अपना यार, उसके लिए, कितनी मेहनत कर रहा है ? उसके लिए पुलिस वाला बनने के लिए तैयार है।  

अरे! भाव खाने लगेगी।

खाना भी चाहिए ,जिस लड़के ने आज तक किसी की तरफ नहीं देखा ,वो उसकी चाहत में पुलिसवाला भी बनने को तैयार है ,उसे तो अपने पर गर्व होना भी चाहिए। 

अरे तू नहीं जानता ,इन लड़कियों के चोंचले !

हाँ ,तुझे तो बहुत अनुभव है ,कई तो तेरी मोहब्बत में मर मिटीं ,सौरभ की बात सुनकर तीनों हंसने लगे। 

   

laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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