Shaitani mann [part 19]

तीन मित्र, जंगल में मौज मस्ती के लिए योजना बना रहे थे ,यार ! साहिल कल तेरा जन्मदिन है ,कहीं खुले आसमान के नीचे, पिकनिक भी हो जाएगी और दोस्तों के संग मौज -मस्ती भी हो जाएगी। पास में ही ,नदी भी है, उसमें गर्मी के मौसम में तैरने का अलग ही मजा आएगा। वहां का पानी बहुत ठंडा है, और ऊपर से जंगल की ठंडी -ठंडी हवा, कितना सुकून देगी ?

 साहिल, अपने दोनों दोस्तों से बोला -वहां कोई, दुकान वगैहरा तो नहीं होगी ,क्या तुम साथ में कुछ खाना -पीना भी लेकर आ सकते हो या नहीं।  

हां ,हां यह बात मैं जानता हूं , क्या मुझे इतना भी ज्ञान नहीं है? नहीं भी लाया तो दोस्त किस काम आएंगे ? वह तो लाए होंगे, दोनों ही थोड़ा-थोड़ा देंगे तो मेरा पेट भर जाएगा कहते हुए साहिल हंसने लगा। 

खाना तो मैं भी लेकर आ सकता हूं, मेरी मम्मी बहुत अच्छा खाना बनाती हैं किन्तु वे यह नहीं कहेंगी -तुम्हारे दोस्त का जन्मदिन है ,तो उसे दावत देनी चाहिए।

यह बात उन्हें क्यों बतानी है ?बस यही कहना है -हम लोग पिकनिक के लिए जा रहे हैं ,श्याम ने सुझाव दिया। 

मैं ,साथ में कुछ ठंडे  की बोतलें  भी ले आऊंगा  सुनील बोला। साहिल के दो पक्के दोस्त हैं -श्याम और सुनील ! दोनों ही जानते हैं ,नरेंद्र के घर की हालत ज्यादा कुछ अच्छी नहीं है इसलिए उन दोनों ने पिकनिक के बहाने से साहिल  का जन्मदिन मनाने की योजना बनाई ,ताकि साहिल को भी बुरा न लगे और उसका जन्मदिन भी अच्छे से मन जाये। 

बहुत बढ़िया, हमारी अच्छी दावत हो जाएगी, रास्ते में ही, उन तीनों को आते समय, उनके अन्य दो दोस्त भी मिल गए थे।  

आजकल कहां घूम रहे हो ? रोहित ने पूछा। 

अरे, यार ! साहिल का जन्मदिन है, सोचा -क्यों न इसके जन्मदिन की ख़ुशी में पार्टी कर दी जाए ? होटल वगैरह में जाने का फैशन पुराना हो गया है इसीलिए हम लोग ,कुछ अलग ही तरीक़े से पार्टी करेंगे।

क्या साहिल पार्टी नहीं देगा ? क्या इस पार्टी में हम भी शामिल हो सकते हैं ? 

हां हां क्यों नहीं ? बस खाना वगैरहा अपने घर से लाना होगा,जिसका जन्मदिन है ,हम उसके लिए ,कुछ करेंगे ,उस पर कोई दबाब नहीं होगा।  

यह क्या बात हुई? यदि साहिल का जन्मदिन है ,तो साहिल को ही पार्टी देनी चाहिए और उसका इंतजाम भी इसे स्वयं ही करना चाहिए। 

वह भी लेकर आएगा, किंतु मौज -मस्ती तो सभी के साथ मिलकर होती है, वह अकेला क्या-क्या कर लेगा ? वहां कोई होटल नहीं है, इसलिए हमने भी अपना सहयोग दिया है। सभी थोड़ा-थोड़ा भोजन लेकर आएंगे , तो भोजन में वैरायटी भी हो जाएगी और अच्छी तगड़ी दावत हो जाएगी। 

क्या शराब भी लाए हो ?

नहीं, हमने तो ठंडे की बोतलें ली हैं ,सुनील बोला। 

सुनील की बातें सुनकर, विनय जोर-जोर से हंसने लगा और बोला -यह करेंगे पार्टी! कोई शराब नहीं ,बीयर नहीं।

तू, क्या बात कर रहा है? हमारे घरवाले इस चीज की इजाजत नहीं देंगे और न ही ,हमारे पास इतना पैसा है।

घरवाले तो किसी के भी इजाज़त नहीं देते अरे ,किसका बाप कहेगा ?आजा बेटा !अब तू बड़ा हो गया है, शराब पिया कर...... कहते हुए विनय हंसने लगा।  

ठीक है ,तुम सब लोग खाना लेकर आना, और मैं शराब और बीयर लेकर आऊंगा। बड़े अहंकार से प्रणव बोला-सूखी -सूखी पार्टी करेंगे ,बच्चे हैं, क्या ? कॉलेज जाने लगे हैं, बड़े हो गए हैं। अब तो मां के पल्लू से बाहर निकलो ! कहते हुए, शाम को मिलने के लिए कह कर चला गया। 

यार! यह शाम के लिए बोल रहा है ? हम शाम को क्या करेंगे? जंगल में तो कोई रोशनी का भी इंतजाम नहीं होता हमें जो कुछ भी करना होगा, दिन में ही करना होगा या फिर किसी होटल में चलते हैं। 

क्या बेवकूफों  वाली बातें कर रहा है, होटल में जाकर ,अपने घर से लाया खाना ही खाएंगे। 

नहीं ,यार !मैं रात्रि में नहीं जाऊंगा , और ऊपर से शराब ! दिन में चलेंगे और शाम तक वापस आ जाएंगे, ''मैं शराब नहीं पियूंगा ''साहिल ने अपनी समस्या अपने दोस्तों को बतलाई।

उसके दोस्तों ने ,प्रणव से फोन पर बात की ,तब प्रणव कहता है - डोंट वरी ! जंगल जाने का छोड़कर, हम किसी ''फार्म हाउस ''में चलते हैं , मेरे दोस्त का एक ''फार्म हाउस'' है वहां पर रात भर मौज -मस्ती करेंगे। 

नरेंद्र मन ही मन घबरा रहा था उसने आज से पहले कभी शराब भी नहीं पी थी, मन ही मन सोच रहा था। अच्छा-खासा हम लोग जा रहे थे ,इनको साथ ले लिया। उसे अपना जन्मदिन एक झंझट ही नजर आ रहा था। यदि वह दोस्तों से मना भी करता है, तो क्या कहकर मना करेगा ? वह तो उसके जन्मदिन के लिए इतने उत्साहित हैं और यही पीछे हट रहा है। रात्रि में ,घर भी नहीं जा सकता। घर वालों को पता चल गया तो ,क्या कहेंगे ? आगे से दोस्तों के साथ ,जाना भी बंद हो जाएगा।

मम्मी !आज मैं दोस्तों के संग बाहर जा रहा हूँ। 

क्यों ?क्या तुझे मालूम नहीं है ? आज तेरा जन्मदिन है। 

तभी तो जा रहा हूँ। 

तू सब जानता तो है ,मैंने तेरे लिए घर पर ही 'केक' बनाया है ,हम सब मिलकर यहीं पर तेरा जन्मदिन मनाएंगे। 

और दोस्तों से ,क्या कहूंगा ?थोड़ा नाराज होते हुए साहिल बोला -मम्मी अब मैं बड़ा हो गया हूँ ,उन्नीस साल से घर पर आपका बनाया केक ही काट रहा हूँ। कभी तो बाहर जाने दिया करो !मेरे दोस्त मेरे जन्मदिन के लिए कितने उत्साहित हैं ?

तू जानता है ,बाहर का कितना खर्चा  होगा ?वो हम तुझे नहीं दे सकते। 

मेरे दोस्त ऐसे नही हैं, हम किसी के' फॉर्म हाउस ' पर जायेंगे और वहीं पर अपना पिकनिक वाला हैप्पी बर्थडे मनाएंगे। 

''पिकनिक वाला ,हैप्पी बर्थडे '' ये क्या है ?भइया !नविता ने पूछा। 

सभी अपने -अपने घर से खाना लाएंगे और मिलबांटकर खाएंगे ,मस्ती करेंगे। यह सब सुनकर साहिल  की माँ को दुःख हुआ कि बेटे के जन्मदिन को भी ,उसके दोस्तों के साथ ख़ुशी से नहीं मना सकते तब भी उसने अपने बेटे के लिए ,उसकी पसंद का खाना बनाया और जो केक बनाया था वो भी कटवाया था। अब घरवालों के साथ जन्मदिन मना लिया किन्तु शाम को दोस्त भी तो मनाएंगे ,यही सोचकर प्रसन्न हो रहा था। किन्तु घरवालों से नहीं बताया कि वह कब जायेगा ?वरना पूछेंगे ,कब आएगा ?पूरी रात्रि के लिए उसे घर से बाहर नहीं जाने देंगे। घर में किसी को कुछ भी न बताकर, दोस्तों के साथ पार्टी के लिए चल देता है। सोच रहा था , जब देर होगी, तब घरवालों को फोन पर सूचित कर देगा। 

laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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