आज तड़के ही ,गांव से शहर आने वाली सड़क पर भीड़ हो रही थी क्योंकि इंस्पेक्टर' मृदुल' उन्हें गांव में अंदर जाने नहीं दे रहा था। वे लोग और कोई नहीं ,ऐसे बालकों को शोषण से बचाने के लिए ,''बचपन बचाओ ''संस्था के सदस्य थे ,जो उस 'पुनिया 'गांव में प्रवेश करना चाहते हैं किन्तु इंस्पेक्टर मृदुल ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया क्योंकि वो भी जानता था ,गांववाले भी अपनी ज़िद पर अड़ जायेंगे और ये लोग भी, आसानी से मानने वाले नहीं हैं।वो लोग भी गांव के अंदर जाने की ज़िद किये बैठे थे। देखिये !मैं आप लोगों से कह रहा हूँ ,आप लोग व्यर्थ में ही ज़िद किये बैठे हैं। यहाँ ऐसा कुछ भी नहीं है।
जब यहाँ ,ऐसा कुछ भी नहीं है ,तब आप लोग हमारा रास्ता क्यों रोक रहे हैं ?हमें गांव में अंदर क्यों नहीं जाने देते ?
वैसे आप लोग ,किसके कहने पर, यहाँ इस तरह तहक़ीक़ात करने आये हैं ?
तभी ,उनमें से एक व्यक्ति ने ,अपना मोबाईल निकालकर इंस्पेक्टर को वह लेख दिखलाया।
इंस्पेक्टर समझ गया ,हो न हो, यह उसी महिला का कार्य है ,जो कल रिपोर्ट लिखवाने यहाँ आई थी। तब वह बोला - यह कोई पागल औरत है ,जिसने यह लेख लिखा है इसमें तनिक भी सच्चाई नहीं है। इस गांव में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है।
क्या इस गांव में एक आठ साल की बच्ची का विवाह नहीं हो रहा है ?इस लेख में उसने इस थाने के इंस्पेक्टर का भी उल्लेख किया है जिसने उसकी रिपोर्ट लिखने से इंकार किया और वो इंस्पेक्टर आप ही हैं ,इसीलिए हम आप पर भी विश्वास नहीं कर सकते।
नहीं ,ऐसा कुछ भी नहीं है ,इस लेख से अलावा आपको कहीं और से कोई जानकारी मिली ,नहीं न..... आपको यह सूचना और किसने दी ?
हमें ,उस लेख के माध्यम से ही मालूम हुआ कि यहाँ ''बाल विवाह ''हो रहे हैं ,उस बच्चियों को शिक्षित करने की बजाय उनका कम उम्र में ही विवाह कर दिया जाता है। कहीं ऐसा तो नहीं ,उन बच्चियों को बेचा भी जाता हो ?
ये क्या बकवास है ? यह कहते हुए , इंस्पेक्टर मृदुल अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ और क्रोधित होते हुए बोला -यह बात तुमने मेरे सामने तो कह दी है , यदि किसी गांव वाले के सामने कहीं होती , तो इन दो पैरों से, वापस नहीं जा पाते। इसलिए मैं कह रहा हूं -बात को ,ज्यादा मत बढ़ाइए ! जैसे आए हैं, वैसे ही वापस चले जाइए ! इसी में हम सब की भलाई है और उस लेख में ,तनिक भी सच्चाई नहीं है।
तुम हमें बताने वाले कौन होते हो ? कि हमें कैसे जाना है और कैसे नहीं , यदि इस बात में सच्चाई नहीं है तो हमें गांव में जाने दीजिए उनकी लीडर कामिनी सिंह बोली- वरना हम जाने वाले नहीं हैं। बारात तो इधर से ही गांव में जाएगी। हम भी तब तक यहीं बैठे रहेंगे। देखिए !हम शांतिपूर्वक इस मामले को निपटा देना चाहते हैं , इसलिए एक बार हमें गांव में जाने दीजिए।
आठ ,दस लोगों को,एकसाथ देखकर, इंस्पेक्टर मृदुल यह तो समझ जाता है यदि इन लोगों को पता चल गया कि दृष्टि 8 वर्ष की है तो यह विवाह नहीं होने देंगे और गांव में झगड़ा भी बढ़ सकते हैं। तब वह अपने थाने में आता है, और चौधरी साहब को फोन करता है।
हेलो !
चौधरी साहब !मामला बहुत अधिक बढ़ गया है, यह लोग, यही धरना देकर बैठ गए हैं और कह रहे हैं -'जब तक हम उस बच्ची से बात नहीं कर लेते और आप लोगों से नहीं मिल लेते और यह इत्मीनान नहीं कर लेते कि यह लेख झूठा है, तब तक हम यहां से जाने वाले नहीं हैं।
यह आप क्या कह रहे हैं? सारी तैयारियां हो चुकी हैं , कार्ड भी बंट चुके हैं, कुछ मेहमान आ चुके हैं और कुछ आने वाले होंगे। शाम को 6:00 बजे, तक बारात के स्वागत का समय है। आप इन लोगों को समझा -बुझाकर, यहां से टरकाइये,परेशानी से चौधरी साहब बोले।
इधर इंस्पेक्टर अपने थाने में चौधरी साहब से बात कर रहा था उधर कामिनी सिंह ने, अपने एक सहयोगी को, सामने चाय वाले की दुकान पर, चाय लेने के लिए और उससे कुछ खबर निकलवाने के लिए भेजा।
जरा 10 चाय बनाना।
जी साहब ! अभी लो !वैसे साहब, आप लोग यहां किस काम से आए हैं ?
क्या ,तुम इसी गांव के रहने वाले हो ?
नहीं जी, मैं तो बगल वाले गांव में रहता हूं , यहां अपनी चाय की दुकान खोली है। यहाँ थाना भी है और बैंक भी, नजदीक ही है ,इसलिए अच्छी आमदनी हो जाती है।
क्या ,तुम इस गांव में किसी को जानते हो ?
चाय वाले ने उसे देखा और बोला -बस मेरी चाय की दुकान पर चाय पी जाते हैं, हल्की-फुल्की नोक -झोंक भी कर लेते हैं, बस इतना ही जानता हूं।
क्या तुम इस गांव की इस प्रथा के विषय में ,कुछ भी नहीं जानते कि यहां पर छोटी बच्चियों का विवाह होता है।
क्या बात कर रहे हैं ? आजकल कौन इतनी छोटी बच्चियों का विवाह करता है ? इस गांव के लोग तो सभी पढ़े- लिखे हैं, खेती करने के साथ-साथ नौकरी भी करते हैं। सरकारी स्कूल भी खुला है, मैंने तो यह बात कभी नहीं सुनी, कि यहां छोटी बच्चियों का विवाह होता है। छोटी बच्ची भी कितनी ? 15या 16 साल की होती होगी, और जब से सरकार ने, वोट के लिए भी 18 वर्ष नियुक्त कर दिया है। बालिग होने की उम्र 18 वर्ष बताई है, तब कोई कैसे, इससे कम उम्र में विवाह करेगा ? और जब बच्चे पढ़ने लगते हैं, तो उम्र 18 से ज्यादा भी हो जाती है। लीजिए ,आपकी चाय तैयार हो गई, कहते हुए वह अपने लड़के से कहता है -इन साहब के साथ चाय लेकर जाओ ! कहते हुए उसे चाय की केतली और कुल्हड़ दे देता है। लड़का उनके साथ जाता है और चाय पकड़ाकर आ जाता है।
कुछ खबर मिली, कामिनी सिंह ने पूछा।
पड़ोस के गांव का है, किंतु बात निकलवाना इतना सरल नहीं है, कि वह आसानी से बता देगा। वैसे अपने ज्ञान के आधार पर मुझे अच्छे से समझा रहा था। क्या ,उस चायवाले से उन्हें कोई जानकारी मिलती है या नहीं आइये !आगे बढ़ते हैं,''बालिका वधु ''के साथ