Secret [part 2]

वाइफ़ -

मन बहुत ललचाता है ,

हैरान कर जाता है। 

जब देखता !किसी का साथ 

संग  होती ,उसके सुंदर नार  !


क्यों रखना है ?सीक्रेट वाइफ ?

तब यही दिल पूछता है। 

जिसने अपना तन -मन सौंपा ,

विश्वास जगाया ,जीवन में ,

भटकता था ,यहां -वहां 

ठहराव दिलाया ,उसने !

प्रेम की डाल पर बैठ !

मीठे फ़ल खाता हूँ। 

मैं भी हूँ ,कुछ !

एहसास जगाया उसने !


सीक्रेट वाइफ़ -

जब तक पैसा रहा ,वो साथ थी ,

लड़ती -झगड़ती वो मेरी ज़िद थी।

सीक्रेट बनाकर रखा उसको ,

तकदीर नहीं थी। 

पोल खुले न डरा -डरा सा रहता था। 

बहुत लुटाया धन को ,

बर्बाद किया, अपने को। 

उस रिश्ते का कोई नाम नहीं ,

बहुत बहलाया अपने को ,

वो भी कैद होकर रह गयी। 

मिला जो ,मुझसे, पैसेवाला !

रखकर गयी ,ताक  पर ,

कुछ वादे ,प्यार की पोटली !

कुछ अधिकार के धागे !

अलगनी पर टाँग गयी। 

छोड़ ,मेरी चाहत!उड़नछू हो गयी। 

छोड़ा !संदेश भी साथ था। 

अब घुटकर नहीं जीना संग तुम्हारे !

अब खुलकर जीना है !

अब मुझे ''सीक्रेट वाइफ ''नहीं बनना है। 


laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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