वाइफ़ -
मन बहुत ललचाता है ,
हैरान कर जाता है।
जब देखता !किसी का साथ
संग होती ,उसके सुंदर नार !
क्यों रखना है ?सीक्रेट वाइफ ?
तब यही दिल पूछता है।
जिसने अपना तन -मन सौंपा ,
विश्वास जगाया ,जीवन में ,
भटकता था ,यहां -वहां
ठहराव दिलाया ,उसने !
प्रेम की डाल पर बैठ !
मीठे फ़ल खाता हूँ।
मैं भी हूँ ,कुछ !
एहसास जगाया उसने !
सीक्रेट वाइफ़ -
जब तक पैसा रहा ,वो साथ थी ,
लड़ती -झगड़ती वो मेरी ज़िद थी।
सीक्रेट बनाकर रखा उसको ,
तकदीर नहीं थी।
पोल खुले न डरा -डरा सा रहता था।
बहुत लुटाया धन को ,
बर्बाद किया, अपने को।
उस रिश्ते का कोई नाम नहीं ,
बहुत बहलाया अपने को ,
वो भी कैद होकर रह गयी।
मिला जो ,मुझसे, पैसेवाला !
रखकर गयी ,ताक पर ,
कुछ वादे ,प्यार की पोटली !
कुछ अधिकार के धागे !
अलगनी पर टाँग गयी।
छोड़ ,मेरी चाहत!उड़नछू हो गयी।
छोड़ा !संदेश भी साथ था।
अब घुटकर नहीं जीना संग तुम्हारे !
अब खुलकर जीना है !
अब मुझे ''सीक्रेट वाइफ ''नहीं बनना है।