Extra marital affair [part 2]

 ख़्वाब -

ख़्वाबों में अक्सर वो आने लगी। 

देख हमें अपनी ओर, इठलाने लगी। 


कभी झटकती, जुल्फ़ों को ,

कभी लहराती ,आँचल को ,

सीने पर जैसे तीर चलाने लगी। 

नैनो की कटार, चमकाने लगी। 

बिजली सी ,हम पर गिराने लगी। 

एक दूजे में हम सिमटे थे ,

बरसात में हम जोभीगे थे। 

कड़कती बिजली सी, हम पर पड़ी। 

आँख खुली जब,सामने वामा थी खड़ी।

ख़्वाब जो टूटा ,हकीक़त में आ गए। 

वो ख्वाब ही था ,यही सोच घबरा गए। 

चाहत -

चाहत थी, उसकी !  

बिन देखे भी ,रह न पाएं। 

देख लेते ,तो जान गवांए। 

पलकों को मुंद ,

उसकी तस्वीर सीने से लगाए। 

चाहत में उसके, दीदार कैसे पाएं ?

घड़ी -

घड़ी ये कैसी आई ?

प्रभु ने की,मुझ पर रहनुमाई !

आज उसने बुलाया है ,

उपहार ले हम ,उसके लिए ,

सज -धज पत्नी संग चल दिए। 

भावनाएं ,हिलोरे ले रही थीं। 

उसकी खिलती सूरत...... 

 आँखों में चमक रही थी। 

जन्मदिन की उसके दी हमने बधाई !

 उसने भी ,दिल से रीत निभाई। 

आँखों से हमें, झंकझोर डाला। 

हरकतें देख ,उसकी ,

 मुँह पर ,जैसे पड़ा ताला। 

धोखा -

अजी !क्या आप सुन रहे हैं ?

पड़ोस में जो महिला आई थी।

तिवारी के संग भाग गयी। 

दोनों का चक्कर चल रहा था। 

दोनों को कुछ नहीं सूझ रहा था। 

धोखा दे ,तिवारिन को ,

केेसा गज़ब कर गयी ?

तिवारिन का घर तोड़ गयी। 

मन ही मन हम कुम्हला गए थे। 

सपने देखे थे ,हमने 

हमारे ही दिल पर बरछी चला गयी। 

उम्मीद थी ,हमारी ,

ग़ैर के संग भाग गयी। 

 न ही हाथ मिलाया ,न बातें की ,

मन के किसी कोने को बर्बाद कर गयी। 

अजी !क्या बतलायें ? 

जैसे आई थी ,वैसी चली गयी। 

हमारे जज़्बातों से खेल ,धोखा कर गयी। 



laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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