जिसकी चाहत थी ,वह संयम ने संभाले रखा।
दिल के जज्बातों को, दिल में दबाए रखा।
लिया संयम से काम ,धैर्य बनाए रखा।
उम्र के पड़ाव आगे बढ़ते गए,
इच्छाओं को दबाये रखा।
समय अपनी गति से चला रहा।
बिन समय इच्छाएं भी दफ़न हुई।
'संयम 'समय के उस मोड को......
संभाल कर न रख सका।
संयम रखते -रखते समय निकल गया।
चाहत थी ,जिसकी वह भी हाथों से गया।
