Man ke vichar

गाहे -बगाहे कभी भी ,आ जाते विचार !

रात्रि हो या दिन कभी नहीं थकते विचार ! 

अच्छे हों या बुरे कहीं भी ,आ जाते विचार !

पल में,दुनियाभर की सैरकर आते विचार !



कल्पनाओं में ही ,मुलाकात कर आते विचार !

कल्पनाओं में ही दुश्मन पर वार करते विचार !

कल्पनाओ में ही,प्यार का पैग़ाम पढ़ते विचार !

कल्पनाओं में ही मान -मनोव्वल करते विचार !


कभी अच्छे तो ,कभी बुरे आते विचार !

सकीर्य न हो,तो किन्तु कुछ न कर पाते विचार !

नींद में भी ,स्वप्न द्वारा घूम आते विचार !

कभी हंसाते ,रुलाते कभी न स्थिर रहते विचार!


''विचार 'और 'सोच' का कोई मेल नहीं !

विचार स्वतः ही आते , किन्तु सोच अपनी !

सकारात्मक सोच अपनी ,कुछ कर न पाते विचार !

विचारों को आकार दें ,कोई कहानी या कविता बन जाते विचार !

आज का विचार -

''मन के विचार ''मन में ही रहने दो !अच्छे -बुरे जैसे भी हैं ,वे मेरे अपने विचार !



laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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