जो 'आज' है ,वही' कल 'बन जायेगा।
जो 'कल' था , वो कभी नहीं आएगा।
'कल 'आज 'में ही जुड़ा है ,नज़र नहीं आएगा।
'आजकल 'जो हो रहा, वहीं वर्तमान कहलाएगा।
कल बचपन था ,आज युवावस्था का जोश है ,
आज बदलता जायेगा ,परिवर्तन ही लाएगा।
भाँति -भांति के कल 'प्यार के रंग 'खिले थे ,
आज उन 'यादों 'का सहारा ही, रह जायेगा।
'आज 'जो बोया था बीज़ ,वही पेड़ बन जायेगा।
जैसा बीज़ था बोया ,वही फल 'आज 'खायेगा।
' समय चक्र' आज यहाँ है ,आगे बढ़ता जायेगा।
कभी आता नहीं, ऐसा' कल 'कभी नहीं आएगा।
तूने कर्म किये जो ,उनका फ़ल तुझे आज ही दिखलायेगा।
लौटाया नहीं जा सकता ''कल, वही' इतिहास 'बन जाएगा।