अफ़वाहों का क्या है ?
ये तो उड़ती रहती हैं।
विचारों की तरह........
बिन पंख सफर करती हैं।
आई थी ,एक अफ़वाह !
हमने दिया नहीं ध्यान !
मुँह बना चली ,बिन ज्ञान !
जो मान दे उसे ,टिकती वहीं !
कोई भी अफ़वाह !
यूँ ही , बनी नहीं।
रेखाचित्र कहीं तो खिंचा होगा।
''चित्र ''तो कहीं बना होगा।
जन्म उसका.........
यूँ ही नहीं हुआ होगा।
कुछ -कुछ सच्ची सी ,
व्यर्थ हो गयी ,अफ़वाह !
अर्थ का अनर्थ......
करते बची अफवाह !
कुछ जाँच करने आये हैं ?
तुम्हारे पति ने भिजवाएं हैं।
देख पड़ोसन ने....... ,
फैला दी अफ़वाह !
सौ नंबर पर दे दी सूचना!
श्रीमान !शीघ्र हमारी गली आइये !
आकर मेरी पड़ोसन को बचाइए !
हुआ कांड ,जो बंगाल में ,
वह न होने दीजिये !
उन बलात्कारियों से बचाइये !
तुरंत ही गार्दा आई और.....
पड़ोसन के घर पैठ जमाई !
बलात्कारी तो नहीं थे ,
सज्जन व्यक्ति पड़ोसन को,
तमंचे की नोक पर ठग रहे थे।
वो थी,बहुत घबराई !
पुलिस को देख उसे साँस आई !
पुलिस ने पड़ोसन को दी बधाई !
तुमने अच्छी 'अफ़वाह 'फैलाई।
अपनी पड़ोसन की जान बचाई।