एक ही सिक्के ,के दो पहलू,
कभी खुशी मिलती,कभी ग़म !
कभी ज्यादा तो, कभी कम !
ग़म सिखा देते, जीना जिंदगी!
खुशियां भुला देतीं , सभी ग़म !
ख़ुशियाँ जीने की ललक जगातीं ,
हर कोई चाहता ,ये न हों, कम !
बलात ही ,कहां सेआ जाते ग़म ?
दे जाते ,तज़ुर्बा,पहचान कराते ,
आज हममें ,कितना है ? दम !
तमाम उम्र ,ख़ुशियाँ करती,छल !
तनिक ठहर........ चली जातीं।
साथ निभाता है , हमेशा ग़म !