Mein sapne bechti hun

मैं ,सपने  बेचती हूँ। 

मेरी कहानियों में ,

मैं ,सपने रोज बुनती हूँ। 

 मैं ,सपने  बेचती हूँ।

किसी के दिल से जुड़े ,

 प्यार भरे ,सपने बेचती हूँ। 

किसी के दर्द से जुड़े , 

अश्क़ों  भरे ,सपने बेचती हूँ। 


 मैं ,सपने बेचती हूँ। 

किसी के अरमानों की , 

'' गठरी का अंबार'' बेचती हूं। 

जुड़ जाती हूं ,किसी के दर्द से ,

उस  दर्द का 'सैलाब' बेचती हूँ। 

 प्यार भरे रिश्तों में ,मैं  !

मोहब्बत और खुशियां बेचती हूं। 

मैं अपनी कहानियों में ,सपने बेचती हूं। 

जुड़े जो, पाठक के हृदय से ,

उसके अरमानों का काफिला बेचती हूं। 

करा  देती  हूं ,आसमान की सैर....... 

 तो कभी ,मिट्टी से जोड़ती हूं। 

 मैं, सपने बेचती हूं। 

कभी दिखला देती  हूं ,परियों को ,

तो कभी हक़ीक़त परोसती हूं। 

मैं ,सपने बुनती और बेचती हूं।


गरीब सपने -

सपने तो सपने होते हैं,

वह कब, किसी के होते हैं ?


अमीर -गरीब सभी सपने देखते हैं।

गरीबों के सपने ,कुछ खास होते हैं। 

ऐसे सपने जिनको अमीर भी तरसते हैं। 

कुछ सपने ,गरीबी ने दिखाए हैं ,

जो अमीर पैसे से भी नहीं ,देख पायें  हैं। 

रात -दिन धन एकत्र किया बहुत ,

किंतु ,वो सुंदर सपने नहीं, खरीद पाए हैं। 

जो कभी गरीबी में देखे थे, उसने सपने !

वो  स्वच्छंदता,वो उन्माद ,वो जीने की ललक !

पैसों के ढेर में , कहीं गुम होकर रह गई है। 

यह ललक उसने, गरीबी से ही तो पाई थी।

आज,उन्हीं सपनों से हुई, उसकी रुख़सती थी।


सपनों की पूछते हो,जनाब !

वो भी क्या दिन थे ?जब हम सपने ख़रीदते और बेचा करते थे। 

आज हालात ये हैं ,सपनों के लिए न ही समय है और न ही नींद !


 

  

laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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