Do kavitayen

 साहसी कदम -

कदम -कदम पर उठाने पड़ते हैं ,साहसी कदम ! 

पहली बार, जब अपने लिए लिया फैसला ,

तब था वह, जिंदगी का पहला ,''साहसी कदम !''



अपनों की सोच से अलग ,कुछ अलग विचार बनाया ,

तब भी हमने ,वही,'' साहसी कदम ''उठाया। 

अपने ड़र ,अपनी कमजोरियों को ,साहस से भगाया,

किसी के साथ बुरा ना कर ,

दुख में उसके साथ खड़े हो, बढ़ाया,'' साहसी कदम!'

अपनी हों  या पराये ,

साहस के दम पर ही  गलत विचारधारा को ठुकराया ,

तब यह साहस ही तो काम आया। 

साहस के बल पर ही,अपनी अलग विचारधारा रखते हैं। 

इस विचारधारा के दम पर ही ,

सही को सही और गलत को गलत कहने का माद्दा रखते हैं। 

कभी अपने आप से ,कभी अपनों से लड़े ,

इसी साहस के दम पर जीवन में हर कदम उठाया। 

हर वक्त ,हर क्षण ,जीवन में साहस ही काम आया। 


यादों का सफ़र -

      यादों का सफर,

      कुछ हसीन सा,

      कुछ दर्द भरा ,

      उसे सफर  की ,

       यादें जहन  में,

  रह -रहकर आ जाती हैं। 

 सफर कितना तय किया?

आगे बढ़ने में रोक लगाती हैं। 

         कभी चले थे ,

     जिंदगी के सफर में,

   यह यादें वहीं ले जाती हैं। 

   जितना सफर तय किया,

    वहीं  खींच ,पहुंचाती हैं। 

   शुरू किया ,जहां से सफर,

      वहीं  अपने को पाते हैं। 


laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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