Nayi shuruaat

 आओ ! नई शुरुआत करते हैं ।  

रिश्तों को पैसों से नहीं ,प्यार से तौलते हैं। 

आओ ! नई  शुरुआत करते हैं। 

प्यार से कुछ रिश्ते ,अपने बना लेते हैं। 

जो बिख़र गए ,टूट गए,उन्हें समेटते हैं। 

आओ ! नई शुरुआत करते हैं। 


प्यार के तराजू में ,अपनापन तौलते हैं। 

नए रिश्तों का ,आगाज करते हैं।

 आओ !नई शुरुआत करते हैं। 

हर दिन एक नई ,शुरुआत करते हैं। 

अरमानों की गठरी में बंद,जुगनुओं को उड़ाते हैं। 

आओ ! कुछ नई शुरुआत करते हैं। 

जो कुछ भी, गलत हुआ उसे ठीक करते हैं।

कुछ'' नारी सम्मान ''पर बात करते हैं। 

आओ ! नई शुरुआत करते हैं। 

 जो हुआ,अन्याय ,उस पर विचार करते हैं। 

 बीता वक़्त भूल, आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं।

नई सोच के साथ नई शुरुआत करते हैं। 

जो रह गए अकेले ,उनसे मुलाकात करते हैं।

आओ ! एक नई शुरुआत करते हैं।      

laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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