मुक्ति किससे चाहिए ,और क्यों ?
मुक्त होना है ,अपनी नकारात्मकता से ,
मुक्त होना है ,छल -कपट से ,
मुक्त होना है ,अपनी बुराइयों से ,😔😔😔😔😔😔
तभी एक शराबी उधर बैठा -वह प्रवचन सुन रहा था। वह बोला -जब जिंदगी की मौज -मस्तियों से मुक्त ही होना है , तो जीना ही क्यों है ? हम इस धरती पर आए ही क्यों हैं ? हमारे सामने ,हमारे प्रभु ने, मनोरंजन के साधन इसीलिए दिए हैं , ताकि हम उनसे विमुख हो जाएं, क्या यह हमारे प्रभु का अनादर नहीं है ? कल को वह हमसे नहीं पूछेगा -मैंने तुम्हारे मनोरंजन के लिए, इतने साधन छोड़े और तुम उनसे विमुख हो गए।
शांत मानव शांत ! साधु बने, उस व्यक्ति ने उसके करीब आकर कहा -मुक्ति का एक रूप और भी है , सलाखों से मुक्ति , सजा से मुक्ति , पुलिस के डंडों से मुक्ति, परिवार की घृणा भरी नजरों से मुक्ति, उत्तरदायित्वों से मुक्ति , जब तुम से शराब के नशे में ,अपनी ही पत्नी की हत्या हो जाए ,तब मुक्ति का यही मार्ग दिखलाई पड़ता है।
क्या ?? शराबी ने चौंक कर उनकी तरफ देखा 😦😦😦😦😦😦😦😦
मुस्कुरा कर उन्होंने उस शराबी के, शराब के नशे में बंद होते ,नेत्र खोल दिए।
हरिओम ,हरिओम कहकर वो वहां से प्रस्थान कर गए।
सच में, प्रभु ! सबका मुक्तिदाता है। 🤔🤔🤔🤔