Meri pahachan

 कौन मैं ? क्या मेरी पहचान है ?क्या सिर्फ़ 'अल्फाज़'हूँ। 

 क्या मैं कोई' कलाकार 'हूं ? जो ऊंची भरता ,उड़ान है। 

क्या मैं कोई' अभिनेता' हूं, अपने दर्द ओ ग़म से बेजार है। 

छुपा लेता है ,जो उन अश्रुओं को,और दिखाता मुस्कान है। 



क्या मैं एक 'लेखक 'हूं ? जिसे नित्य नवीन सृजन की तलाश है। 

क्या एक नेक ' पत्नी '? जो निभाती अपने सहभागी का साथ है। 

एक' बहन' जिसने ,अपने रिश्तों से  बांधी, प्रेम की एक डोर है।

एक बेटी ,जो अपने पापा की' शहज़ादी' ,बढ़ाती उनका मान है।  

एक' मां,' उत्तरदायित्वों को पूर्ण करती ,ढूंढती अपने आप को है। 

या फिर एक जिद्दी 'चट्टान 'अड़ी है जो,अपने दम पर खड़ी है,वो ! 

या फिर एक 'भावुक मन ', जो गैरों के गम से, भावुक हो जाता है। 

अपनों के लिए चिंतित , यह तन न जाने ,कितने रूप निभाता है ?

ओढ़े हैं उसने, न जाने कितने सामाजिक ,पारिवारिक उत्तरदायित्व !

पूछती हूं ,अपने आप से, क्या अभी भी मुझे पहचान की तलाश है ?

मेरे नाम की पहचान ,मेरे काम की पहचान ,या मैं सिर्फ़ अल्फाज़ हूँ।

 

उस मोहक अंतरात्मा की , जिसमें सभी रूप समाये हैं। 

मैं एक नाम नहीं, एक रिश्ता नहीं,  मैं। मैं[अहं ] भी नहीं ,

जो पढे  भावों को ,छू ले मन को , ऐसा एक एहसास हूं। 

मैं अपने में ही...अपने आप की, एक नई ''पहचान ''हूँ। 


laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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