Afwaah or sach

''अफवाह '' सच कहां होती है ?

''अफवाह ''क्षणिक ही होती है ? 

किसी नव् यौवना सी उभरती है। 

'अफवाह 'की उम्र कहां होती है ?

 सामान्य 'यौवन सी' ढल जाती है। 

'अफवाह 'तो बेटी का मायका है ,

कुछ दिन ही, उसे यहां रहना है। 

कुछ दिनों की, मेहमान होती है।

कुछ अलबेली ,'छैल छबीली 'है।


दुल्हन सी आती है ,सच बन जाती है।

कुछ दिन बहुत चलती है,चमकती है।   

''फेसबुक ''की रील सी दिखलाई देती  है।  

 जब सच खड़ा होता है, भाग खड़ी होती है।

 'सच 'देर से आता है ,अडिग खड़ा रहता है।

 भ्रमित करते हैं, दोनों ,पति -पत्नी जैसे रहते हैं। 

'अफवाह और सच'दोनों की,कुछतो कारस्तानी है।


डरती हूँ ! 

अनेक बाधाओं से परे , 

भरनी है ,मुझे उड़ान !

मेरे' हौसले 'इतने 'बुलंद' हैं।

डरती हूं........ 

कहीं ,छोटा न पड़ जाए 'आसमां ' 

laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

Post a Comment (0)
Previous Post Next Post