Nasihten

देती हैं ,सीख़ ये नसीहतें ! 

अनमोल खजाना हैं ,ये.... 

अनुभवों का लाभ उठाना ,

अपनों पर ही है ,लुटाना ,

आजकल मानता है ,कौन ?

किसी की अच्छी नसीहतें !

किसी के जीवन की सच्चाई ,

का निचोड़ हैं , ये नसीहतें !


तुम्हारा ही कोई ,शुभचिंतक !

देता हैं तुम्हें ,अच्छी नसीहतें !

अपनों का ख़्याल ,उनकी चिंता ,

दर्शाती हैं ,ये मुफ़्त की नसीहतें !

मानो या न मानो ,सुन तो लो !

 अच्छी सीख दे जाएँ ,नसीहतें !

 स्वयं ने ,बहुत ठोकरें खाई हैं ,

तभी,तुम्हें मिल रहीं हैं नसीहतें !

तुम्हारी तरह,हमने मानी नहीं ,

तभी तुम्हें ,दे रहे हैं ,नसीहतें  !


laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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