बन्दिशें और ख़्वाहिशें ,
इस क़दर संग चलीं ,
जीवन भर ,संग रहीं।
जीवन चलता ही रहता है।
हम रहे न रहें ,
पीछे रह जाएँगी ,
विस्मृत सी स्मृतियाँ।
मुख पर मुस्कान ला देतीं कभी ,
रहेंगी स्वरलहरियां ,
शब्दों में ढ़ली ,
भावपूर्ण कहानियाँ।
हम रहें न रहें ,
चहकेंगे पँछी ,उड़ेंगी तितलियाँ।
हमारी हिदायतें ,तमन्नाएं ,
जोड़ती थी अपनों से ,
अपने आप से।
बस हम न होंगे ,
तो रह जायेंगी स्मृतियाँ ,
वक्त के संग ,
धुँधलाती सी परछाइयाँ।
जीवन यूँ ही चलता रहेगा....
चलता रहेगा......