सुनो !
कुछ अनकही बातें ,जो कहना चाहती हूँ।
जो मैं चाहते हुए भी ,नहीं कह पाई।
सुनो !
जब तुम मुस्कुराते हुए ,मेरी तरफ देखते ,
मुझे अच्छा लगता है , किन्तु -
अपने दोस्तों के संग ,मुझे भुला देना ,
मुझे अच्छा नहीं लगता ।
सुनो !
तुम्हारे हर दुख -दर्द में,' मैं 'संग रही ,
तुम्हारा साथ मुझे अच्छा लगता है।
किन्तु ,संग होते हुए भी ,मेरी अवहेलना की ,
मुझे अच्छा नहीं लगता ।
सुनो !
तुम एक ज़िम्मेदार व्यक्ति हो ,मुझे अच्छा लगता है।
किन्तु ,बात -बात पर मुझे गलत ,
सुनो !
तुम्हारा सबकी इच्छाओं का ख़्याल रखना ,
मुझे अच्छा लगता है।
किन्तु , इन सबमें मुझे भूला देना ,अच्छा नहीं लगता ।
सुनो !
तुम्हारा प्यार भरी बातें करना ,मुझे अच्छा लगता है।
किन्तु सबके समक्ष ,मेरा तिरस्कार ,मुझे अच्छा नहीं लगता।
सुनो !
तुम्हारे लिए ,मुझे सजना -संवरना ,अच्छा लगता है।
तुम्हारा मुझे इस तरह ,नजरअंदाज करना ,अच्छा नहीं लगता।
सुनो !
कुछ अनकही ,ऐसी बातें है ,
जीवनभर साथ निभाने पर भी ,तुम मुझे समझ नहीं पाए ,
इस तरह तुम्हारा, मुझे न समझना ,अच्छा नहीं लगता ।