Aaj ka Ram ,Krishna

 घर -घर में राम है ,कृष्णा  है। 
आज भी जीता राम है ,
रसिया कृष्णा और श्याम है। 
राजा राम,' दशरथ 'का बेटा ,
वो कृष्णा, गोकुल धाम में बैठा ,
रहता था ,दुश्मन से ऐंठा।
इस युग में भी राम है ,कृष्णा है। 
इनको  किसने पहचाना है ? 
आज भी हर घर में राम है ,
 ग़रीबी ,मंहगाई से उसकी अपनी लड़ाई है।  
कृष्णा भी जूझता क़िस्मत की लड़ाई है 
happy man, laughing face, laughing man, happy face of man, boy
 राम -कृष्णा ने जिसे मारा ,वो गया।
पुनः लौट न पाया। 
आज भी' सुरसा'[ महंगाई] मुँह फैलाये है।
जीवनभर इससे कोई उबर न पाए है।
रसिया ने मामा को सबक सिखा डाला ,
अब रसिया ने अपने को मजबूरी में डाला। 
राम तो सबका प्यारा है ,
मोहक और दुलारा है। 
तनिक अपने अंदर झांको तो ,
आज भी वो  राम  दुलारा  है। 
कृष्णा कितना मोहक , प्यारा  है ? 
राम की नीति काम न आयी। 
आज भाई को, न पहचाने भाई।
जीवन में होती, आई लड़ाई है ,
तक़दीर समझ न आई है।  
दर्द में भी मुस्कान चेहरे पर आई है।    


laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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