पता नहीं ,कौन मैं ?
क्या हूँ ?
एक बेटी ,
एक नारी ,
एक माँ ,
जो अपने आपको ढूंढती है।
पैदा होते ही ,कितने ?
रिश्तों की डोर में बंधी ,
अस्तित्व की तलाश में है।
अथवा ,
एक चंचल ,
उच्श्रृंखल लता सी ,
या फिर ,
जिम्मेदार ,
भावनाओं से परिपूर्ण ,
इक जीवन ,
सम्पूर्ण आसमान को समेटे ,
एक सुंदर ख्याल ,
तलाशती हूँ।
इस जीवन की सच्चाई में ,
न जाने'' कौन मैं ''?