हम -तुम हैं ,पास -पास ,
फिर भी तन्हा -तन्हा' क्यूँ हैं '?
तुमसे मिलने की ,बंधी है आस ,
तय करना है ,सफ़र साथ -साथ ,
फिर भी हम -तुम दूर' क्यूँ हैं '?
चार कदम भी ,अभी हम साथ न चले हैं।
दो गज़ दूरी पार भी न की है।
अभी हमने आपको ठीक से जाना भी नहीं ,
इन आँखों में छिन्न -भिन्न से सपने' क्यूँ हैं '?
हम -तुम हैं ,पास -पास ,
फिर भी तन्हा -तन्हा' क्यूँ हैं '?
मिलते हैं ,हम रोज़ ख़्वाबों में ,
समा जाते हो ,न जाने कैसे हमारी स्वांसों में।
दिखा जाते हो सपने अनेक ,
फिर भी हम तुमसे यूँ हैराँ -परेशां' क्यूँ हैं '?
हम- तुम हैं ,पास -पास ,
फिर भी तन्हा -तन्हा' क्यूँ हैं '?
ये बावरे नैन ,ढूँढ़ते हैं तुमको आस -पास।
ये व्याकुल ,बेचैन मन ,पल -पल होता उदास।
ये बावरा पंछी, उड़ना चाहे ,उड़ न पाए ,
ये पागल पंछी [आत्मा ]पंख लगाता' क्यूँ है'?
हम -तुम हैं ,पास -पास ,
फिर भी तन्हा -तन्हा' क्यूँ हैं '?
मन में लग्न लागी तेरी ,इसमें तुम समाये हो।
प्रतिक्षण ,प्रतिपल देखूँ तुझे झाँककर ,इस दिल में।
बातें होती हैं ,तेरी -मेरी आठों पहर ,
फिर मेरे घर की दीवार पर तेरी तस्वीर 'क्यूँ है' ?