कंकड़ -पत्थरों के जंगल में भी।
दिखती है ,हरियाली तीज की।
साड़ी ,बिंदी -चूड़ी हरी -भरी ,
रौनक है ,बाज़ार में,
सावन की फुहार में ,
दिखती है ,हरियाली तीज़ की।
खिले चेहरे ग़ुलाब से ,
रौनक है ,बहारों की
सुगंध है मीठी गुझियों से ,
घेवर से लगती है ,हरियाली तीज़ की।
झूले हैं सावन के,
नखरे हैं बालम के,
इठलाती हूँ ,मैं भी,
पहने साड़ी तीज़ की ,
मन को भाये हरियाली तीज़ की।
मेहँदी के हाथ ,अपनों का साथ ,
अपनों का प्यार ,दुलार
पहना है ,उपहार।
सखियों संग ,गाए गीत तीज़ के ,
सावन में बसी ,हरियाली तीज़ की।
दिखती है ,हरियाली तीज की।
साड़ी ,बिंदी -चूड़ी हरी -भरी ,
रौनक है ,बाज़ार में,
सावन की फुहार में ,
दिखती है ,हरियाली तीज़ की।
खिले चेहरे ग़ुलाब से ,रौनक है ,बहारों की
सुगंध है मीठी गुझियों से ,
घेवर से लगती है ,हरियाली तीज़ की।
झूले हैं सावन के,
नखरे हैं बालम के,
इठलाती हूँ ,मैं भी,
पहने साड़ी तीज़ की ,
मन को भाये हरियाली तीज़ की।
मेहँदी के हाथ ,अपनों का साथ ,
अपनों का प्यार ,दुलार
पहना है ,उपहार।
सखियों संग ,गाए गीत तीज़ के ,
सावन में बसी ,हरियाली तीज़ की।