mrgtrshna

प्यार से छू लो ,
  मुझे, मेरी तन्हाइयों को ,
    मेरे प्यासे अधरों को। 
       एहसास करा दो ,
   मुझे ,
   उस पल उस क्षण का ,
   जो स्वर्गिक आनंद ,
    तुम्हारे स्पर्श ,
    तुम्हारे बंधन में है। 
 चूम लो ,मुझे 
   मेरे एक -एक पल, 
   एक -एक जज़्बात को। 
  सराबोर कर दो ,
   मुझे ,
    अपने उस प्यार से ,

   जो तुमने ,
    मेरे लिए संजोया। 
  संवारा है ,
               सदियों से। 
एक नाजुक एहसास ,
     तुम्हारा ,
पास है मेरे ,
      उसी पल ,उसी क्षण का 
   इंतजार है मुझे। 
    पुनः जिंदगी में ,
      वही  स्पर्श ,वही  आलिंगन होगा। 
   जीवन में वो एहसास ,
       जो कभी सोचा न था। 
        सोची न थी वो ,हसीं रात ,
    ऐसी हसीं रात होगी। 
laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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