कहानियाँ चुराती हूँ मैं ,
अपनी कुछ पुरानी यादों से ,
अनकहे लम्हों से
चुराती हूँ ,वो पल
जो जीने की चाह में ,
हम जी न सके।
चुराती हूँ उन आशाओं को ,
जो कभी मेरी न हो सकीं।
बीते पलों की उस रचना को,
जो पूरी न हो सकी।
मैं चुरा लेती हूँ ,
कुछ पल ,कुछ लम्हें,
गैरों की जिंदगी से।
यादों के रोशनदान खोल ,
मैं डूब जाती हूँ ,अन्कही यादों में।
मैं कहानियाँ चुराती हूँ ,
अपनी अनगिनत रंगीन कल्पनाओं से।
बुनती हूँ कवितायें ,
जिंदगी के अनेक पड़ावों की।
चुराती हूँ ,उन क्षणों को ,
जो देते हैं ,सुख -दुःख।
वेदना से भर देते हैं वो क्षण।
आल्हादित कर देते हैं ,वो क्षण
उन पलों को चुरा ,मोती से
समेट ,वो माला गूँथती हूँ
रंगीन फूलों के रंग चुरा ,
मैं रंग भरती हूँ ,
अपनी कल्पनाओं में।
चुराती हूँ आसमानी पंखों को,
क्योंकि मैं चोरनी हूँ ,
चुराती हूँ ,कुछ लम्हें ,कुछ पल ,
अपनी और गैरों की कुछ यादों से।
अपनी कुछ पुरानी यादों से ,
अनकहे लम्हों से
चुराती हूँ ,वो पल
जो जीने की चाह में ,
हम जी न सके।
चुराती हूँ उन आशाओं को ,
जो कभी मेरी न हो सकीं।
बीते पलों की उस रचना को,जो पूरी न हो सकी।
मैं चुरा लेती हूँ ,
कुछ पल ,कुछ लम्हें,
गैरों की जिंदगी से।
यादों के रोशनदान खोल ,
मैं डूब जाती हूँ ,अन्कही यादों में।
मैं कहानियाँ चुराती हूँ ,
अपनी अनगिनत रंगीन कल्पनाओं से।
बुनती हूँ कवितायें ,
जिंदगी के अनेक पड़ावों की।
चुराती हूँ ,उन क्षणों को ,
जो देते हैं ,सुख -दुःख।
वेदना से भर देते हैं वो क्षण।
आल्हादित कर देते हैं ,वो क्षण
उन पलों को चुरा ,मोती से
समेट ,वो माला गूँथती हूँ
रंगीन फूलों के रंग चुरा ,
मैं रंग भरती हूँ ,
अपनी कल्पनाओं में।
चुराती हूँ आसमानी पंखों को,
क्योंकि मैं चोरनी हूँ ,
चुराती हूँ ,कुछ लम्हें ,कुछ पल ,
अपनी और गैरों की कुछ यादों से।