इतने महीनों से, इस्पेक्टर कपिल परेशान था, वह इन हत्याओं का पता लगाना चाहता था, किंतु कोई भी सबूत हाथ नहीं लग रहा था किंतु आज उसे एक उम्मीद जगी है , उसे लगता है- कानपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्रा के गायब होने और उसकी हत्या होने से , अवश्य ही इन पहले की हत्याओं का भी कुछ सुराग मिलेगा। वह एस पी धीरेंद्र प्रताप सिंह से बात करता है-सर !मुझे लगता है , हमें कानपुर पुलिस की सहायता लेनी चाहिए और उनकी सहायता भी करनी चाहिए। मुझे लगता है, अवश्य ही इन हत्याओं का, उस हत्या से कुछ न कुछ तालमेल अवश्य होगा।
यदि तुम्हें ऐसा लगता है ,तब तुम्हें उनसे बात करनी चाहिए।
तब वह एसपी साहब से बात करके, कानपुर पुलिस से, बात करता है - हैलो सर !मैं इंस्पेक्टर कपिल एक केस के सिलसिले में आपसे मिलना चाहता हूँ।
जी ,आप किस केस की बात कर रहे हैं,उधर से आवाज आई।
अभी जो इंजीनियरिंग कॉलिज में एक लड़की के साथ जो हादसा हुआ ,उसी केस के सिलसिले में मिलना था।
जी अवश्य आइये !हम भी उस कातिल की तलाश में हैं ,इसमें हम आपकी क्या सहायता क़र सकते हैं ?
जी हो सकता है ,हम आपस में मिलकर एक दूसरे को समझा सकें ,हो सकता है ,हत्यारे को भी पकड़ सकें।
आइये !आइये !आपका स्वागत है कहते हुए ,मिस्टर सारंग फोन रख देते हैं।
अपने सामने इंस्पेक्टर कपिल को देखकर ,मिस्टर सारंग अपना परिचय देते हैं -हैलो !मैं इंस्पेक्टर देव सारंग !बैठिये ! कपिल के बैठने पर ,वे चाय मंगवाते हैं और पूछते हैं -कहिये !मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ ?
सारंग साहब !हमारे यहाँ भी कई केस ऐसे ही हैं ,कई हत्याएं हुई हैं किन्तु अभी तक कुछ भी हाथ नहीं लगा ,न ही उन लड़कियों की जानकारी हमें मिली ताकि कुछ पहचान हो सके ,ज़्यादातर कटे हाथ ही मिले हैं ,या फिर गंजी लाशें ! परसों ही समाचार पत्र में जब तिवारी जी ने पढ़ा और हमें बताया -कि ऐसा ही एक केस कानपुर के कॉलिज की लड़की के साथ हुआ है ,तब हमें लगा शायद यहीं से कुछ सुराग़ मिल सके।
हाँ ,मैंने भी समाचार -पत्र में ऐसा ही कुछ पढ़ा था ,यह केस इंस्पेक्टर सुधांशु के हाथ में है ,केस हल करने का उनका अपना अगल ही अंदाज है। आइये !आपको उनसे मिलवाता हूँ कहकर वो थाने से बाहर आये। तभी उन्हें सुधांशु जी आते हुए मिल गए। तब मिस्टर सारंग ने उनका परिचय कपिल से करवाया ,सारंग साहब तो चले गए ,तब कपिल के साथी और सुधांशु जी एक ऐसे स्थान पर पहुंचते हैं ,जहाँ बैठकर आपस में वार्तालाप करते हैं। क्या आपको पता चल पाया ? उस लड़की के साथ ये सब किसने और क्यों किया ?कपिल ने पूछा।
अभी मेरी तहकीकात चल रही है ,अभी मैं किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा हूँ। उस कॉलिज का ये पहला हादसा नहीं है वरन इससे पहले भी एक घटना हो चुकी है ,जब वो लोग ,घूमने के लिए गए थे ,तब वहां भी एक लड़की की मौत हुई थी किन्तु कोई नहीं जानता ,उसके साथ क्या हुआ ?
क्यों ?उसका पोस्टमार्टम नहीं हुआ।
होता, कैसे ? उसके शरीर के कुछ हिस्से ही दिखलाई दिए ,ऐसा लग रहा था वो मगरमच्छों की शिकार हो गयी किन्तु हमें लगता है ,उसकी हत्या हुई।
आपको ऐसा क्यों लगता है ?
इंस्पेक्टर सुधांशु ने सारी बातें ,बताते हुए कहा -वो लड़की इतनी रात्रि में अपने आप तो चलकर नहीं जाएगी। यही तो समझ नहीं आ रहा,वो उस तालाब के करीब कैसे पहुंची ? पहुंच भी गयी तो यदि मगरमच्छों ने उसे पकड़ भी लिया तो उसने शोर क्यों नहीं मचाया ?चिल्लाती किन्तु किसी को कोई आवाज सुनाई नहीं दी ,वो चिल्लाई भी नहीं।
कपिल सम्पूर्ण बातें सुनकर ,थोड़ा गंभीर हो गया और बोला -ये जो कोई भी है ,बहुत ही चालाक है और सरफिरा भी।वैसे आप इस कविता केस के विषय में क्या सोचते हैं ?जो अभी हुआ है।
वैसे तो मैं ऋचा के केस की छानबीन कर रहा था किंतु अब कविता का केस भी सामने आया है, दोनों ही केस इसी कॉलेज की छात्राओं से जुड़े हैं। छानबीन चल रही है, जैसे भी हम आगे बढ़ते हैं आपको बताते हैं।
अभी किसी पर शक, या कुछ पता चला, वह लड़की कहां की रहने वाली थी ?यहां उसकी किसी से दुश्मनी या दोस्ती या कोई बॉय फ्रेंड !
छात्रों से बातचीत करके पता चला है, वह बहुत ही सीधी और सज्जन लड़की थी। एक लड़के की तरफ उसका आकर्षण था किंतु यह नहीं कह सकते कि दोनों ही एक दूसरे को प्रेम करते थे और जिस दिन वह गायब हुई उससे एक दिन पहले, कॉलेज के ही किसी लड़के की पार्टी में गई थी। इस लड़के से पूछताछ चल रही है। वह उत्तर प्रदेश के ही किसी, शहर का रहने वाला है। सुनने में तो आया है , कि वह भी सज्जन लड़का है,अच्छे परिवार से है।
सभी सज्जन ही होते हैं , कॉलेज में आते हैं माता-पिता से दूर होते हैं सज्जन को दुर्जन बनने में समय नहीं लगता।वैसे वह पार्टी किस बात की कर रहा था ?यहां पढ़ने आया है या पार्टियाँ करने ,उसके पास इतना पैसा कहाँ से आया ?आजकल माता -पिता पर' शिक्षा शुल्क' और हॉस्टल का खर्चा भी वहन करते हुए जोर पड़ता है। आजकल पढ़ाई के बहुत अधिक खर्चे होते हैं ,तब ये अलग से खर्चे ! थोड़ा उनका इतिहास खंगालना होगा।
जैसा आप बता रहे हैं, उस आधार पर तो लगता है, वह अपराधी आसपास ही घूम रहा है ,कब किसको अपना शिकार बनाता है ? इसकी कोई जानकारी नहीं। कॉलेज में जो भी , छात्र रहते हैं। उन पर हमारी कड़ी नजर है। कविता का भी, चेहरा बुरी तरह बिगाड़ दिया गया है ताकि उसकी शिनाख़्त ना हो सके उसका हाथ काटने का, हमें कोई औचित्य नजर नहीं आया किंतु जैसा कि आप कह रहे हैं -यह कोई सनकी ही हो सकता है। जैसे भी हमारा केस आगे बढ़ता है हम आपको सूचित कर देंगे।
आपसे बातचीत करके अच्छा लगा, जो भी डिटेल आपके पास हो, और हमारे काम की हो सकती है हमें भेज दीजिएगा। हम उन पिछले केसों को और इस केस को जोड़कर चल रहे हैं। कहते हुए ,कपिल उठता है और इंस्पेक्टर सुधांशु से हाथ मिलाता है ,उसके मन में इंस्पेक्टर कपिल के कहे शब्द गूंज रहे थे जो उसके केस में आगे बढ़ने में उसके सहायक भी हो सकते हैं।