Pyaar ke rang

 प्यार का गहरा,

 रंग,लाल ,प्रेम !

समर्पण ,त्याग ,

उत्साह ,विश्वास 

कल्पना ,जोश,

तरंगों संग ,

ख़ुशियों भरा ,

 उमंगों का है।

जो जीवन को ,

विस्तार देता है।  


प्यार का दूजा रंग ,

अंधकार सा काला 

अकेलापन ,धोखा ,

अविश्वास ,प्रतीक्षा ,

बेबसी ,दर्द भरा ,

आँसु ,सूनापन ,

बेवफ़ाई का है।

जो जीवन को ,

सीमित कर देता है।

गलतफ़हमी -  

अच्छा हुआ , तूने अपने प्यार का रंग दिखला दिया। 

तूने मेरे प्रेम ,विश्वास का ,अपने धोखे से सिला दिया।

ठुकराकर मेरे प्रेम-प्यार को ,ये तूने अच्छा नहीं किया। 

ये भी मानता हूँ ,गलतफ़हमियों से तूने ही उबार दिया।  

laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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