निकले जो दिल से ,वो दुआ हो तुम !
मेरे अल्फाजों में सिमटे ,रहनुमाँ हो तुम !
मेरे जीवन पर छाई , मदहोशी हो तुम !
मेरे 'अनकहे शब्दों ''की ख़ामोशी हो तुम !
मेरे दिल में समाये ,मेरी रूह में बसे हो तुम !
तन्हा मैं परेशां ,मेरे दिल की तमन्ना हो तुम !
मेरी आँखों में समाये... ,उसकी ज्योति हो तुम !
मेरे अस्तित्व ,मेरे जीवन पर , मेहरबां हों तुम !
कुदरत की गोद से निकला ,कोई अरमान हो तुम !
मेरी ख़्वाहिशों का ,अंतिम ''फ़लसफा ''हो तुम !