Ye chand bhi n......

ये चाँद भी न ...  
कितनी रस्में निभाता है ?
अकेला चाँद ,सबको प्रसन्न कर जाता है। 
'ईद' पर' ईद' का हो जाता है ,
''करवा चौथ ''पर ,
'चौथ 'का ''चाँद ''कहलाता है। 

ये चाँद भी न..... 
रिश्तों में बच्चों का मामा बन जाता है। 
बहन का भाई बन ,फर्ज़ निभाता है।
'करवा चौथ 'पर नखरे दिखलाता है। 
दाग़ होने पर भी ,खूबसूरत कहलाता है।
ये चाँद भी न.... 
धरती के चाँद का ,उपमान बन जाता है। 
न घूँघट है ,न परदा ,सभी को भाता है। 
बादलों की आड़ में अठखेलियां करता है। 
तारों संग ,आँख -मिचौली !
ये चाँद भी न.... 
नवविवाहितों के लिए 'हनी का मून ''बन जाता है 
अपनी चांदनी की शीतल छाँव में ,
अनन्त सपने दिखलाता  है। 
ये चाँद भी न कितनी रस्में निभाता है ?
दूर से ही सारे रिश्ते  निभाता है। 
नीचे आ जाता तो ,टुकड़ों में बंट जाता। 
कभी हिन्दू ,कभी मुस्लिम बन जाता। 
कविताओं में ,कवियों का हो जाता है। 
ग़जलों में शायरी की रस्में निभाता है। 
ये चाँद भी न ,कितने रिश्ते निभाता है ?
किसी का भी ,संदेशवाहक बन जाता है। 
बहनों के ,पत्नियों के संदेश पहुंचाता है। 
 कष्टों में रहकर भी , निखरता जाता है। 
ये चाँद भी न ,अनेक रंग दिखलाता है। 
शीतल जल में ,शांत हो जाता है। 
बिन बालों की,' चाँद' पर भी नजर आता है। 
अपने  कष्ट न देख ,सभी रस्में निभाता है। 
दूज पर ''दूज का चाँद ''हो जाता है।
ये चाँद भी न..... कितनी रस्में निभाता है ?
प्रतिदिन नए -नए रंग दिखाता है।

ये चाँद भी न....     
laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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