तुम दूर ही सही ,'पाती' बन आ जाना।
कुछ अपनी कहना ,कुछ मेरी भी सुन जाना।
तुमको पढ़ मैं ,सीने में छुपा लूँगी ,
तुम मेरी धड़कन ही बन जाना।
उस' पाती 'के मोती ,मेरे दिल का सुकून होंगे।
मेरे दिल को भी कुछ आस बंधा जाना।
उस रंग में मुझे भी रंग जाना।
तुम दूर ही सही 'पाती 'बन आ जाना।
कुछ अपनी कहना ,कुछ मेरी भी सुन जाना।
उस' पाती ' में ,मैं तुम्हें देख पाऊँ ,
तुम मेरे मन में उतर आना।
याद में तुम्हारी ,जो बहे मेरे 'अश्रु ,
उस' पाती 'में अपनी मुस्कुराहट भिजवाना।
उस'' पाती ''के' रंग ओ खुशबू' से।
मुझे अपने' रंग ओ खुशबू 'में भिगो जाना।
तुम दूर ही सही ,पाती बन आ जाना।
कुछ अपनी सुनाना ,कुछ मेरी भी सुन जाना।
मेरा दिल पुकारे तुम्हें बार -बार ,किया तेरा इंतजार ,
अब आकर कुछ तो ढांढ़स बंधा जाना।
छुपा लूँगी तुम्हें ,गैरों की नज़र से ,
बस तुम ,तुम बस मेरे लिए ही आ जाना।