Anjane

अनजाने से मित्र ,जाने -पहचाने से लगने लगे हैं। 
कोई ज्ञान देता है ,कोई हँसा देता है। 
कोई जिंदगी की हकीक़त समझा देता है। 

कोई जिंदगी का सबक़ सिखा जाता है। तो 
कोई चुटीली हरकतों से गुदगुदा जाता है। 
अनजाने से मित्र ,जाने पहचाने से लगने लगते  हैं।
दूर बैठे ,एक -दूजे का ग़म बाँट लेते हैं। 
  न ही कोई लालच ,स्वार्थ , रिश्ते अनोखे बन जाते हैं। 
शायरी -कविता द्वारा एक -दूजे के ख्यालों में घुस जाते हैं। 
वो अनजाने मित्र ,अपने से लगने लगते हैं। 
दिन की शुरुआत''राम -राम '' से लेकर,
 ''शुभरात्रि '' तक फ़र्ज निभाते है। 
''जन्मदिन ''हो या शादी  की सालगिरह ,
सुख हो या दुःख सब मिल बांटते हैं। 
वो अनजान मित्र ,जाने -पहचाने से लगते हैं। 
कुछ नहीं तो एक ''लाइक ''मिले ,
उसके लिए बार -बार नजर दौड़ते हैं। 
बस एक ''लाइक '' से खुश हो जाते हैं।
जीवन के हर पहलू को बाँट खुश रहते हैं। 
और हम'' ठेंगा ''दिखा मुस्कुराते हैं। 
इनकी हिम्मत तो देखो ,पत्नी के सामने ही 
अपनी बात कहने से बाज नहीं आते हैं। 
क्या ?खूब खाना  बनाते हैं ,उसका स्वाद हमें भी चख़ा जाते हैं। 
अपनी तस्वीरों से ,अपने अन्दाज़े बयां करते हैं।  
 वो अनजाने मित्र ,जाने -पहचाने नज़र आते हैं। 
laxmi

मेरठ ज़िले में जन्मी ,मैं 'लक्ष्मी त्यागी ' [हिंदी साहित्य ]से स्नातकोत्तर 'करने के पश्चात ,'बी.एड 'की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात 'गैर सरकारी संस्था 'में शिक्षण प्रारम्भ किया। गायन ,नृत्य ,चित्रकारी और लेखन में प्रारम्भ से ही रूचि रही। विवाह के एक वर्ष पश्चात नौकरी त्यागकर ,परिवार की ज़िम्मेदारियाँ संभाली। घर में ही नृत्य ,चित्रकारी ,क्राफ्ट इत्यादि कोर्सों के लिए'' शिक्षण संस्थान ''खोलकर शिक्षण प्रारम्भ किया। समय -समय पर लेखन कार्य भी चलता रहा।अट्ठारह वर्ष सिखाने के पश्चात ,लेखन कार्य में जुट गयी। समाज के प्रति ,रिश्तों के प्रति जब भी मन उद्वेलित हो उठता ,तब -तब कोई कहानी ,किसी लेख अथवा कविता का जन्म हुआ इन कहानियों में जीवन के ,रिश्तों के अनेक रंग देखने को मिलेंगे। आधुनिकता की दौड़ में किस तरह का बदलाव आ रहा है ?सही /गलत सोचने पर मजबूर करता है। सरल और स्पष्ट शब्दों में कुछ कहती हैं ,ये कहानियाँ।

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